कहते है कि रंगों का हमारी जिदंगी में गहरा प्रभाव पड़ता है। बात अगर वास्तुशास्त्र की करें तो इसके मुताबिक घर की दीवारों का रंग चुनने से कई वास्तु दोष दूर होते है। ठीक इसी प्रकार फ्लोरिंग कलर भी सोच-समझकर चुने क्योंकि यह सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा का संके हैं। चलिए आज हम आपको दिशा के मुताबिक फर्श के रंगों के बारे में बताते है जिनसे घर में पॉजिटिव एनर्जी का वास होता है।
पूर्व दिशा
घर की पूर्व दिशा भगवान सूर्य को भी समर्पित मानी जाती है। अगर इस दिशा के वास्तु दोष सही हो तो समाज में मान-सम्मान बना रहता है। अगर आप भी यही चाहते है तो घर की इस दिशा का फर्श डार्क ग्रीन कलर चुनें।
पश्चिम दिशा
वास्तु के मुताबिक, घर की पश्चिम दिशा में लक्षमी जी का वास होता है। इसलिए इस दिशा को दोषमुक्त रखने के लिए फर्श का रंग व्हाइट चुनें। ध्यान रखें कि इसपर कोई आकृति या डिजाइन न बनी हो।
उत्तर दिशा
अगर घर में खुशहाली चाहते है तो घर की उत्तर दिशा में डार्क ब्लेक कलर का फर्श लगवाना चाहिए क्योंकि इसे धन-कुबेर का स्थान माना जाता है।
दक्षिण दिशा
दक्षिण दिशा की तरफ कभी भी घर का प्रवेश द्वार नहीं होना चाहिए। वहीं, पति-पत्नी का बेडरूम भी इस दिशा में नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे उनकी बीच लड़ाई-झगड़े बने रहते है। अगर चाहते है कि घर की इस दिशा से जुड़े वास्तु दोष दूर हो जाए तो फर्श का रंग हमेशा डार्क रेड चुनें।
उत्तर-पूर्व दिशा
इस जगह पर भगवान शिव का वास माना गया है। बात शिव जी की करें तो उन्हें आसमानी व नीला रंग बेहद पसंद होता है इसलिए इस दिशा का फर्श यानी फ्लोर भी इन्हीं रंगों में सिलेक्ट करें।
दक्षिण-पूर्व
घर की इस दिशा को सृष्टि के रचियता ब्रह्मा की दिशा कहा जाता है इसलिए इस दिशा में बैंगनी यानी पर्पल कलर का फर्श डलवाएं।
दक्षिण-पश्चिम दिशा
इस दिशा में हल्के रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। यहां तक कि फर्श का रंग भी हल्का गुलाबी ही चूज करें। इससे घर में पॉजिटिविटी बनी रहेगी।
उत्तर-पश्चिम दिशा
इस दिशा की दीवारों, पर्दों और यहां तक कि फर्श का रंग भी ग्रे होना चाहिए क्योंकि यह रंग इस दिशा के लिए सबसे शुभ माना जाता है।