भारत के महान ज्ञानी व्यक्तियों में से एक आचार्य चाणक्य का नाम शामिल है। चंद्रगुप्ता मौर्य को राजा बनाने में आचार्य चाणक्य का बहुत बड़ा योगदान रहा था। आचार्य चाणक्य ने जीवन को सफल बनाने के लिए कुछ बातें बताई हैं। इन बातों का ध्यान रखने वाले व्यक्ति कभी भी असफल नहीं हो सकते हैं। आज के समय में भी आचार्य की नीतियां काफी लोकप्रिया हैं। इनकी नीतियों का पालन कर व्यक्ति सफलता हासिल कर सकता है। आज के समय में व्यक्ति बीमारियों को लेकर काफी परेशान रहते हैं। बीमारियों से दूर रहने के लिए खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक में बताया है किन चीजों का सेवन स्वस्थ के लिए जरुरी होती हैं...
अन्नाद्दशगुणं पिष्टं पिष्टाद्दशगुणं पय
पयसोऽष्टगुणं मांसं मांसाद्दशगुणं घृतम्
अर्थात- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि खड़े अन्न की अपेक्षा पिसे हुए अन्न के आटे में दस गुना अधिक शक्ति होती है। अत: पिसे हुए आटे का ज्यादा से ज्यादा खाने में प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही अन्न के आटे से भी दस गुना अधिक बल दूध में होता है। दूध से भी आठ गुना अधिक बल मांस में रहता है और मांस से दस गुना अधिक बल घी में रहता है।
अनाज का सेवन
स्वस्थ रहने के लिए अनाज का सेवन करना जरुरी है। अनाज के सेवन से व्यक्ति ऊर्जावान रहता है और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। जिस व्यक्ति का पाचन तंत्र मजबूत होगा वह स्वस्थ होगा।
दूध का सेवन
दूध का सेवन स्वास्थय के लिए फायदेमंद होता है। दूध अनाज से भी दस गुना ज्यादा शक्तिशाली होता है। रोजाना नियमित रुप से दूध का सेवन करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है। दूध का सेवन हड्डियों के लिए भी फायदेमंद होता है।
घी का सेवन
घी दूध से ज्यादा फायदेमंद होता है। रोजाना नियमित रुप से घी का सेवन करने से आप स्वस्थ रह सकते हैं। बीमारियों से दूर रहने के लिए व्यक्ति को रोजाना घी का सेवन करना चाहिए।