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जिद्दी सर्वाइकल दर्द से भारतीय ही सबसे जयादा क्यों परेशान? दवाई से नहीं यूं मिलेगा सही आराम

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 21 Oct, 2025 06:32 PM
जिद्दी सर्वाइकल दर्द से भारतीय ही सबसे जयादा क्यों परेशान? दवाई से नहीं यूं मिलेगा सही आराम

नारी डेस्कः भारतीयों में सर्वाइकल (गर्दन) दर्द अन्य देशों की तुलना में ज्यादा देखने को मिलता है और इसके पीछे कई लाइफस्टाइल व हेल्थ फैक्टर्स जिम्मेदार हैं। भारतीयों में सर्वाइकल दर्द ज्यादा होने का मुख्य कारण है-गलत पोस्चर, व्यायाम की कमी, पोषण की कमी और लंबे समय तक टेक्नोलॉजी पर झुककर काम करना और सर्वाइकल दर्द या गर्दन दर्द आम समस्या है जो गर्दन की मांसपेशियों, हड्डियों, नसों या डिस्क में समस्या होने पर होती है। इसे हल्के खिंचाव से लेकर गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या तक माना जा सकता है।

भारतीयों में सर्वाइकल दर्द ज्यादा होने के कारण

1. लाइफस्टाइल और गलत पोस्चर

लंबे समय तक मोबाइल झुकाकर इस्तेमाल करना।
ऑफिस में कंप्यूटर पर काम करते समय सही एर्गोनॉमिक्स का अभाव।
पढ़ाई या काम के दौरान घंटों तक गर्दन झुकाकर बैठना।

2. फिजिकल एक्टिविटी की कमी

भारतीयों में रेगुलर एक्सरसाइज की आदत कम होती है।
मांसपेशियों की कमजोरी और जॉइंट्स की कठोरता के कारण गर्दन पर दबाव बढ़ता है।

3. खान-पान और पोषण की कमी

कैल्शियम और विटामिन D की कमी (भारत में आम समस्या)।
इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस का खतरा बढ़ता है।

4. लंबे समय तक सफर और गलत आदतें

ऑटो, बाइक और बस से लंबे समय तक सफर करने से गर्दन पर झटका पड़ना।
भारी वजन गलत तरीके से उठाना (खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में सिर पर वजन रखना)।

5. जल्दी उम्र में घिसाव (Early Degeneration)

भारतीयों में 30–40 की उम्र में ही सर्वाइकल की समस्या शुरू हो जाती है, जबकि विदेशों में यह 50–60 के बाद ज्यादा दिखती है। इसका कारण है कम पोषण, ज्यादा तनाव और गलत लाइफस्टाइल।

6. सॉफ्टवेयर प्रोफेशन और टेक्नोलॉजी का बढ़ता असर

भारत IT हब है, लाखों लोग रोज़ाना 8–10 घंटे कंप्यूटर पर काम करते हैं। "डेस्क जॉब लाइफस्टाइल" सर्वाइकल दर्द को और बढ़ाता है।

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सर्वाइकल दर्द होने के लक्षण

गर्दन में दर्द या अकड़न
सिर को हिलाने या घुमाने में कठिनाई
कंधे, हाथ या हाथ की उंगलियों में झुनझुनी
कभी-कभी सिरदर्द या थकान महसूस होना
गंभीर मामलों में हाथ-पैर में कमजोरी या सुन्नपन
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सर्वाइकल दर्द के कारण

जैसे कि हमने भारतीयों के बाकियों के मुकाबले गर्दन दर्द होने के कुछ खास कारण बताए थे। उन्हीं से मिलते-जुलते कुछ और कारण है जो सर्वाइकल पेन की वजह बनते हैं।
गलत पोस्चर: कंप्यूटर, मोबाइल या सोते समय गलत स्थिति में रहना।
मांसपेशियों का तनाव: लंबे समय तक गर्दन झुकाकर काम करना या भारी वजन उठाना।
हड्डियों और डिस्क की समस्या: सर्वाइकल सर्पिल डिस्क में सूजन या हर्नियेशन।
ओस्टियोआर्थराइटिस: उम्र बढ़ने के साथ गर्दन की हड्डियों में घिसावट।
चोट या एक्सीडेंट: जैसे व्हिपलैश (गर्दन झटका)।
स्नायु या नस में समस्या: नस पर दबाव पड़ना, जैसे सर्वाइकल स्फिंक्टर में इन्फ्लेमेशन।

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सर्वाइकल दर्द का घरेलू इलाज और राहत के उपाय

इस दर्द का कनैक्शन आपके लाइफस्टाइल से ही जुड़ा है। अगर आप लगातार एक ही पोजिशन में गर्दन छुकाए काम करते रहते हैं तो इस आदत को बदलें।

सही पोस्चर बनाएं: कंप्यूटर और मोबाइल का स्क्रीन को गर्दन और आंखों से एक लेवल पर रखें।
गर्म या ठंडी सिकाई: सूजन कम करने और मांसपेशियों को आराम देने के लिए।
हल्का स्ट्रेचिंग और योग: जैसे गर्दन के घुमाव, कंधों की रोलिंग।
आराम और नींद सही स्थिति में लें: गर्दन का समर्थन करने वाला तकिया इस्तेमाल करें।
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सर्वाइकल दर्द का मेडिकल ट्रीटमेंट

कोई भी दवाई अपनी ही मर्जी से ना लें। डॉक्टरी सलाह पर ही दवाई का सेवन करें। 
दर्द निवारक दवाएं: पैरासिटामोल, आईबूप्रोफेन आदि लेकिन कोई भी दवा बिना सलाह के ना लें। 
मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं: मसल रिलैक्सेंट।
फिज़ियोथैरेपी: एक्सरसाइज और मसाज से दर्द कम करना।
सर्जिकल उपाय: यह तब होता है जब हालात काफी खराब हो जाए। यह सिर्फ गंभीर डिस्क प्रॉब्लम या नस पर दबाव के मामलों में ही की जाती है। 

कब डॉक्टर से मिलें?

दर्द लंबे समय तक ठीक न हो रहा हो।
हाथ-पैर में कमजोरी, सुन्नपन या झुनझुनी।
तेज सिरदर्द या अचानक चोट के बाद दर्द।
अगर सही डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, और बैठने-सोने का तरीका ठीक कर लिया जाए तो इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है।

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