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इस इंफेक्शन में बरती लापरवाही बन सकती है कैंसर का कारण, यूरिन ही है पहला संकेत

  • Edited By Priya dhir,
  • Updated: 26 May, 2019 09:13 AM
इस इंफेक्शन में बरती लापरवाही बन सकती है कैंसर का कारण, यूरिन ही है पहला संकेत

औरतों को होने वाले रोगों में एक रोग सर्वाइकल इरोज़न यानि गर्भाशय ग्रीवा का भी है जिसके लक्षण बहुत ही साइलेंट होते हैं। बड़ी बात यह है कि इस इंफैक्शन से पीड़ित होने के बाद भी महिलाओं को इस बीमारी के बारे में पता नहीं चलता जबकि पूरी दुनिया में हर साल 5 लाख सर्वाइकल इरोजन के मामले सामने आते हैं, जिसमें 27% भारत की महिलाएं शामिल होती हैं। अगर आप इसके हलके-फुलके संकेतों पर गौर कर लें तो इससे समय रहते छुटकारा पा जा सकता है क्योंकि यह इंफेक्शन अगर बढ़ता जाए तो यह बच्चेदानी के मुख के कैंसर का कारण भी बन सकता है। आंकड़ों की मानें तो भारत में इस कैंसर से होने वाली मौत की तुलना अन्य देशों से अधिक है। इसलिए संकेतों को नजरअंदाज ना करें तो अच्छा होगा लेकिन इससे पहले आपके लिए जानना जरूरी है गर्भाश्य ग्रीवा है क्या और इसके काम क्या है...

क्या होती है गर्भाश्य ग्रीवा?

गर्भाशय ग्रीवा को बच्चे दानी के मुख के रुप में जाना जाता है जो कि गर्भ के निचले हिस्से में होता है। गर्भाश्‍य के अंत में निचले हिस्‍से में स्थित संकरी सी ग्रीवा होती है, जो योनि में जाकर खुलती है। बच्चेदानी का मुख योनि को गर्भाशय से जोड़ता है।

गर्भाश्य ग्रीवा का काम

गर्भाशय ग्रीवा में दो प्रकार के सेल्स होते हैं, फ्लैट स्किन सेल्स और ग्‍लैंडुलर सेल्स यह दोनों सेल्स योनि और यूट्रस तक बैक्‍टीरिया और वायरस को प्रवेश करने से रोकते है लेकिन जब ग्रीवा खुद संक्रमित हो जाती है तो इससे संक्रमण का योनि तक पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है जो ज्यादातर यौन संबंधों के चलते होता है।

इंफैक्शन होने की वजह

वैसे यह इंफेक्शन संबंध बनाने से फैलता है। डाक्टर्स के अनुसार यह क्‍लाइमायडिया अथवा गोनोरहा जैसे यौन संचारित संक्रमणों के कारण हो सकता है लेकिन कई बार एलर्जिक रिएक्‍शन से भी यह समस्‍या हो सकती है और यह इंफेक्शन गर्भनिरोधक गोलियों, शुक्राणुनाशकों और कंडोम में मौजूद लेटेक्‍स के कारण हो सकता है। इसके अलावा अगर योनि में मौजूद बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाए तो भी सर्वाइकल इरोज़न की प्रॉब्लम हो सकती है।
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लक्षण

हालांकि इसके संकेत साइलेंट हैं फिर भी कुछ बातों की ओर गौर कर इसे पहचाना जा सकता है।

-इस रोग से महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में सूजन आ जाती है।
-पीरियड्स के दिनों में असामान्य ब्लीडिंग
-वेजाइनल डिसचार्ज में बदलाव, डिस्चार्ज का रंग स्लेटी-पीले रंग का हो जाता है जिससे कभी-कभी बदबू आती हैं।
-बार-बार यूरिन आना और यूरिन पास करते समय दर्द होना
-इंटरकोर्स के दौरान दर्द

डॉक्‍टर से कब संपर्क करें?

जब मासिक धर्म के बिना योनि से असामान्य डिस्चार्ज हो, इंटरकोर्स के दौरान दर्द होने लगे तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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कैसे करें बचाव?

आप खुद कुछ हिदायतें फॉलो करके इस तरह के इंफेक्शन से बच सकते हैं। 
-सर्वाइकल इरोजन ज्यादातर असुरक्षित यौन संबंधों से फैलता है इसलिए सेफ संबंध बनाएं और इसके बाद प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का खास-ख्याल रखें। 
-योनि को गुनगुने पानी से जरूर साफ करें और साबुन की बजाए इंटीमेट वॉश का इस्तेमाल करें। पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई का खास ख्याल रखें।
 

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