ओवेरियन यानि गर्भाश्य का कैंसर तब होता है जब अंडाशय में असामान्य कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं और ट्यूमर का निर्माण करती हैं। अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो ट्यूमर शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है, जिसे इसे मेटास्टैटिक ओवेरियन कैंसर कहा जाता है। शोध के मानें तो भारत में 80% महिलाएं इसकी जानकारी से अंजान है, जिसके कारण यह जानलेवा बन जाता है।
किन महिलाओं को अधिक खतरा
-जनेटिक, बढ़ती उम्र, प्रजनन हिस्ट्री (reproductive history) और मोटापा
-इंफर्टिलिटी का लंबा ट्रीटमेंट
-बच्चा न होना, हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी या एंडोमेट्रियोसिस का निदान करने वाली महिलाओं को इसका अदिक खतरा रहता है।
समय रहते उपचार मिलने पर बचाव के 94% चांसेस होते हैं लेकिन इसके लिए लक्षणों को पहचानना जरूरी है...
कंसीव करने में मुश्किल
अगर बार-बार कंसीव करने में दिक्कत आ रही है तो उसे इग्नोर ना करें। हालांकि प्रेगनेंसी कंसीन ना होने के दूसरे कारण भी हो सकते हैं लेकिन जांच करवाना ही बेहतर है।
अनियमित पीरियड्स
पीरियड्स समय ना आना या ब्लीडिंग अधिक हो तो एक बार ओवेरियन कैंसर की जांच करवा ले। इसके अलावा कमर और पेल्विक एरिया में दर्द हो तो उसे भी इग्नोर ना करें।
पेट से जुड़ी परेशानियां
बार-बार खट्टी डकारें आना, कब्ज, दस्त, अपच, एसिडिटी और संभोग करते असहनीय तेज दर्द की शिकायत रहती है तो यह ओवेरियन कैंसर का संकेत हो सकता है।
पेट फूलना
अचानक मोटापा बढ़ जाए या पेट फूलने लगे तो उसे हल्के में ना लें। हालांकि ऐसा खान-पान के कारण भी हो सकता है लेकिन इसके साथ उपरोक्त लक्षण दिखें तो तुंरत जांच करवाएं।
सांस लेने में दिक्कत
अगर आपको अस्थमा ना हो और फिर भी अक्सर सांस लेने में दिक्कत होती है तो एक बार जांच करवा लें। यह ओवेरियल कैंसर का लक्षण हो सकता है।
भूख न लगना
अगर आपको लगातार 3 हफ्ते से भूख ना लग रही हो तो या पेट भरा-भरा लगा हो तो एक बार डॉक्टर से सलाह लें।
बार-बार यूरिन आना
बार-बार यूरिन आना या पेशाब करते समय जलन हो तो जांच करवाएं। यह ओवेरियन कैंसर के अलावा डायबिटीज, यूरिन इंफेक्शन, यूटीआई या किडनी रोग का संकेत हो सकता है।