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बेटी सब कुछ कर सकती है! भूख से ना मर जाए इसलिए रिक्शा चला परिवार का पेट भर रही नंदिनी

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 15 Dec, 2020 01:50 PM
बेटी सब कुछ कर सकती है! भूख से ना मर जाए इसलिए रिक्शा चला परिवार का पेट भर रही नंदिनी

कईं बार हम जिंदगी में बड़े अपनी उम्र की वजह से नहीं बल्कि अपने हालातों के कारण हो जाते हैं। हमारे घर के हालात हमें मजबूर कर देते हैं कि हम अपने परिवार की ताकत बनें। इस साल कोरोना के कारण हर किसी को समस्या का सामना करना पड़ा। बहुत से लोगों के हाथों से काम चलेगा तो किसी ने इस लॉकडाउन में भूखे रह कर ही वक्त गुजारा। लेकिन कहते हैं न कि भगवान भी उनका ही साथ देते हैं जो खुद के रास्ते बनाते हैं। और आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे हैं जिससे हमें यह सीख मिलती है कि अगर एक तरफ से रास्ता बंद हो जाए तो हमें घबराना नहीं चाहिए। 

दरअसल हम उस लड़की की बात कर रहे हैं जिसकी उम्र तो महज 14 साल है लेकिन वह इस उम्र में भी अपने परिवार का पेट पाल रही है। बिहार के सासाराम जिले के बौलिया की रहने वाली नंदिनी आज हर किसी के लिए मिसाल बन कर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो उनके परिवार की आर्थिक हालत बिल्कुल भी ठीक नहीं है लेकिन ऐसे में भी उसने हार नहीं मानी। 

दूसरों के घर काम करती हैं नंदिनी 

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घर की आर्थिक हालत ठीक न होने के कारण नंदिनी दूसरों के घर पर काम करती हैं और वहां चूल्हे चौका और बर्तन मांजने का काम करती है और मुश्किलों से ही पैसे जमा कर पाती है। नंदिनी के पिता रिक्शा चलाने का काम करते हैं। लेकिन लॉकडाउन के कारण वो भी चलना बंद हो गया था।

लॉकडाउन में रिक्शा चलाने पर हुई परेशानी

नंदिनी की मानें तो कोरोना लॉकडाउन में घर घर जाकर काम करना भी उसका बंद हो गया और परिवार को पालने के लिए जो उनके पिता रिक्शा चलाकर पैसा कमाते थे वो भी बंद हो गया। इसका कारण था कि लॉकडाउन में रिक्शा चलाने पर उन्हें पुलिस से कईं बार पिटाई खानी पड़ी जिसके बाद उन्होंने रिक्शा चलाना ही छोड़ दिया। 

परिवार का पेट पालने के लिए नंदिनी ने सीखा रिक्शा चलाना 

जब पिता ने रिक्शा चलाना बंद कर दिया तो नंदिनी ने पिता का सारा बोझ अपने सर पर ले लिया और सोचा कि वह एक लड़की है और उसे रिक्शा चलाने पर कोई नहीं रोकेगा। ऐसे में नंदिनी ने रिक्शा चलाना सीखा और अपने मन में परिवार को पालने की ठान ली। इसके बाद वह रोज रिक्शा लेकर निकल जाती और दिन में कुछ पैसे कमा लेती। नंदिनी की मानें तो उसने रिक्शा चलाने का फैसला इसलिए क्योंकि वह कब तक अपनी जिंदगी दूसरों के सहारे जीती। 

लोगों ने मजाक भी उड़ाया लेकिन रूकी नहीं नंदिनी

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कहते हैं ना कि जब भी कभी आप पर लोग सवाल उठाने लगें या फिर आप की तरफ देखर कर हंसने लगे तो आप समझ लेना कि आप सही राह पर जा रहे हो और ऐसा ही कुछ हुआ नंदिनी के साथ। नंदिनी की मानें तो जब उन्होंने रिक्शा चलाना सीखा तो लोगों ने उनके मजाक भी बनाया लेकिन उन्होंने लोगों की बातों पर ध्यान नहीं दिया।

नंदिनी से जब पूछा जाता है कि उन्होंने रिक्शा चलाने का फैसला क्यों किया तो वह सब को कहती हैं कि वह अपनी परिवार को भूख से मरते नहीं देख सकती है। सच में नंदिनी आज सब के लिए मिसाल है क्योंकि बहुत से लोग हैं जो हिम्मत हार जाते हैं और दूसरों के सहारे जिंदगी जीने की आस रखने लगते हैं लेकिन नंदिनी ने लॉकडाउन के समय भी और उसके बाद भी परिवार की हिम्मत बन कर सामने आई। 

हम नंदिनी की इस हिम्मत को सलाम करते हैं। 

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