कोरोनावायरस की बढ़ती गिनती पर एक सवाल ये भी बार-बार निकल आ रहा है कि लोग इसका टेस्ट नही करवा रहे और अगर करवा भी रहे तो उस रिपोर्ट को आने में देरी लग रही है ऐसे में अब कोरोना की जांच स्ट्रीप तकनीक से हो सकेगी। जिससे 1 से 4 घंटे में इसकी रिपोर्ट भी लोगों को मिल जाएगी।
इस तकनीक को बीएचयू में शोध कर रहीं छात्राओं ने विकसित किया है। छात्राओं की मदद से इसे बनाने वाली डिपार्टमेंट ऑफ मॉलीकुलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स की प्रो. गीता राय का दावा है कि ये जांच की तकनीक बिल्कुल नई है। ये तकनीक डाएरेक्ट वायरस के प्रोटीन की जांच करती है जिससे रिपोर्ट के गलत आने की आशंका नही रहती है। इस तकनीक से सिर्फ यूनिक वायरस को सर्च किया जाएगा इसलिए यह 100 प्रतिशत सही होगा।
इससे कोविड-19 के वायरस में मौजूद प्रोटीन सिक्वेंस का पता लगाया जा सकता है जो किसी और वायरल में नहीं होता है। संक्रमण की बढ़ती स्थिति को देखते हुए जांच की गति को बढ़ाने में तकनीक बेहद कारगर होगी। इससे न सिर्फ सटीक जांच होगी बल्कि रिपोर्ट भी एक से चार घंटे के भीतर प्राप्त किया जा सकेगी। इस तकनीक के कारण जांच बेहद कम कीमत में हो सकेगी।
इस तकनीक का पेटेंट भी फाइल कर दिया गया है और भारतीय पेटेंट कार्यालय के मुताबिक, देश में इस सिद्धांत पर आधारित अब तक कोई किट नहीं है जो कि ऐसे प्रोटीन सिक्वेंस को टार्गेट करके जांच कर रहा हो।
इस के माध्यम से 2 से 3 लाख तक की मशीनों पर जांच हो सकती हैं जो किसी भी शहर में भी हो सकती है और ऐसी स्थिति में यह तकनीक काफी सरल और सस्ती साबित होगी।