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Rath Yatra: भगवान जगन्नाथ का विश्राम हुआ खत्म, मौसी के घर से आज विदा होंगे तीनों भाई-बहन

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 05 Jul, 2025 02:34 PM
Rath Yatra: भगवान जगन्नाथ का विश्राम हुआ खत्म, मौसी के घर से आज विदा होंगे तीनों भाई-बहन

नारी डेस्क:  भगवान जगन्नाथ की ‘बहुदा' यात्रा या रथ वापसी उत्सव शनिवार को औपचारिक ‘पहांडी' अनुष्ठान के साथ शुरू हो गया। इस दौरान मूर्तियों को श्री गुंडिचा मंदिर से सारधाबली में खड़े रथों तक औपचारिक यात्रा के जरिये ले जाया जा रहा है। ‘पहांडी' अनुष्ठान दोपहर 12 बजे शुरू होने वाला था लेकिन यह पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे ही शुरू हो गया। इस यात्रा के दौरान भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को एक-एक करके रथों तक ले जाया जा रहा है। 

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तलध्वज (बलभद्र), दर्पदलन (सुभद्रा) और नंदीघोष (जगन्नाथ) भव्य रथों को भक्त श्री गुंडिचा मंदिर से भगवान जगन्नाथ के मुख्य स्थान तक खींचेंगे, जो लगभग 2.6 किमी की दूरी पर है। भगवान जगन्नाथ मंदिर का निर्माण 12वीं सदी में हुआ था।  ‘पहांडी' से पूर्व मंदिर के गर्भगृह से मुख्य देवों के बाहर आने से पहले ‘मंगला आरती' और ‘मैलम' जैसे कई पारंपरिक अनुष्ठान किए गए। पुरी के ‘राजा' गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब अपराह्न ढाई बजे से साढ़े तीन बजे के बीच रथों की औपचारिक सफाई करेंगे, जिसे ‘छेरा पहनरा' के नाम से जाना जाता है। रथ खींचने की रस्म शाम चार बजे होगी।

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 घंटियों और शंखों तथा झांझों की ध्वनि के बीच पहांडी अनुष्ठान किए गए। भगवान बलभद्र को 'धाड़ी पहांडी' नामक पंक्ति में रथ पर ले जाया गया, जबकि भगवान जगन्नाथ की बहन देवी सुभद्रा को सेवकों द्वारा 'सूर्य पहांडी' (रथ पर ले जाते समय देवी आकाश की ओर देखती हैं) नामक विशेष जुलूस में उनके 'दर्पदलन' रथ पर लाया गया। जब भगवान जगन्नाथ आखिरकार श्री गुंडिचा मंदिर से बाहर निकले, तो ग्रैंड रोड पर भावनाएं उमड़ पड़ीं और भक्तों ने 'जय जगन्नाथ' और 'हरिबोल' जैसे नारे लगाए। एक अधिकारी ने बताया कि यह अनुष्ठान निर्धारित समय से पहले भी किया जा सकता है।

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 ओडिशा के पुरी में शनिवार को भगवान जगन्नाथ की ‘बहुदा यात्रा' के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। इस यात्रा के साथ ही ‘रथ यात्रा उत्सव' का समापन हो जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि राज्य पुलिस के कुल 6,000 अधिकारी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के 800 जवान शहर में तैनात किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अप्रिय घटना न हो। उन्होंने बताया कि 29 जून को उत्सव के दौरान गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ में तीन लोगों की मौत हो गई थी। यात्रा के संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि मौसम अनुकूल होने के कारण ‘बहुदा यात्रा' में भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद के साथ विशेष यातायात व्यवस्था भी की गई है। 
 

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