28 APRSUNDAY2024 11:38:50 PM
Nari

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हों महिलाएं: डा. जीनी शारदा

  • Updated: 28 Nov, 2014 08:38 AM
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हों महिलाएं:  डा. जीनी शारदा

बचपन से ही अपने पेरैंट्स की तरह डाक्टर बनना चाहती थीं और उनके दिखाए रास्ते पर चलकर लोगों की सेवा करने की इच्छुक थीं। उनका मानना है कि डाक्टरी पेशा ही ऐसा है जो नि:स्वार्थ सेवा से जुड़ा होता है। मुकाम तक पहुंचने में खूब मेहनत की और हमेशा से ही अपनी मां डा. सुमन शारदा से प्रोत्साहित होती रहीं। लुधियाना के अपोलो अस्पताल की गाइनी विभाग की प्रमुख डा. जीनी शारदा गिरन अपने प्रोफैशन में लोगों की सेवा करने के साथ सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।
 
 डा. जीनी कहती हैं कि इंसान के लिए कोई भी काम आसान नहीं होता, बस जरूरत होती है आत्मविश्वास की। आज के युवा जिस भी फील्ड में जाना चाहते हैं पूरी तरह मन लगाकर ही मंजिल की ओर बढ़ें क्योंकि जज्बे और हौसले से ही मंजिलें आसान बनती हैं। उन्होंने भी अपने डाक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है। पापा डा. वनीत शारदा की बीमारी के बाद मां पर चारों बहनों की जिम्मेदारी थी और कामकाज का बोझ काफी आ गया था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। खूब मेहनत कर उन्हें उच्च शिक्षा दिलवाई, जिसका नतीजा है कि चारों बहनें अपने-अपने मुकाम पर हैं। डा. जीनी कहती हैं कि जब मन में कुछ पाने का जज्बा हो, तो मंजिल कोई भी हो रास्ते आसान होते जाते हैं।

पेरैंट्स के आशीर्वाद से उनकी भी मेहनत रंग लाई और वह एक नामी अस्पताल में गाइनी विभाग की प्रमुख हैं।

शिक्षा का सफर..
उन्होंने लुधियाना के दयानंद अस्पताल में एम.बी.बी.एस. में एडमिशन ली। एम.डी. की पढ़ाई भी वहीं से की। स्पैशल ट्रेनिंग विदेश से ली। गाइनी में महारत हासिल की। कई साल विदेश में भी काम किया। यहां तक कि कई जटिल केसेज भी हल कर चुकी हैं। डा. जीनी गोल्ड मैडलिस्ट भी हैं। पढ़ाई में हमेशा से ही अव्वल आती रही हैं। यहां तक कि प्री मैडीकल टैस्ट में भी उन्होंने टॉप किया था। डा. जीनी के पास 32 गोल्ड मैडल हैं। पढ़ाई में अव्वल रहने के साथ-साथ कई सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रही हैं। उनकी सोच है कि दूसरों की सेवा करने में जो संतोष और खुशी मिलती है उसका मुकाबला कहीं नहीं है। अपने प्रोफैशन के प्रति ईमानदार होने के साथ-साथ समाज के प्रति जिम्मेदार होना भी जरूरी है।

शिक्षा का उजाला ही अंधेरे को खत्म करता है
उनका कहना है कि इंसान को शिक्षा ही रोशनी दिखाती है। एक अच्छा नागरिक बनने के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है। खासकर लड़कियों की शिक्षा बेहद ही महत्वपूर्ण है क्योंकि एक लड़की को उच्च शिक्षा दिलवाने का मतलब पूरे परिवार को शिक्षित करना है। लड़कियों की उच्च शिक्षा की ओर अधिक ध्यान दें ताकि वे आत्मनिर्भर बन अपने पेरैंट्स और देश का नाम रोशन कर सकें। समाज के प्रति अपने कर्तव्य को निभाते हुए कई लड़कियों की शिक्षा की जिम्मेदारी को भी उन्होंने उठाया है। इसके अलावा वह अपनी महिला मरीजों को भी सेहत संबंधी जागरूक करती रहती हैं।

पति का मिला पूरा सहयोग

डा. जीनी के पति डा. रमनदीप सिंह गिरन दयानंद अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन हैं। उनके सहयोग से ही उन्होंने 11 वर्ष इंगलैंड में बतौर गाइनीकोलॉजिस्ट जॉब की। वहां से 2013 में अपने देश आकर अपनी सेवाएं दे रही हैं। डा. जीनी की 7 साल की बेटी है। उनका मानना है कि बेटियां बेटों से बढ़कर होती हैं और वह भी अपनी मां की तरह ही मां के सारे फर्ज पूरे करते हुए अपनी बेटी को डाक्टर बनाना चाहती हैं।

सेहत को नजरअंदाज न करें
आम तौर पर महिलाएं अपनी बीमारियों को बढ़ाने के लिए खुद जिम्मेदार होती हैं। पहले तो वे घर परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि खुद की सेहत की ओर उनका ध्यान ही नहीं जाता। जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तब कहीं जाकर अपने बारे ये सोचती हैं, लेकिन उस समय कई महिलाएं ऐसी स्थिति में आ जाती हैं कि उनकी गाइनी संबंधी बीमारी किसी की पकड़ में नहीं आती। इसलिए एक गाइनीकोलॉजिस्ट होने के नाते वह सभी महिलाओं को यही संदेश देना चाहती हैं कि आज की महिला को 30 वर्ष की उम्र के बाद अपनी सेहत को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए और अपना रैगुलर चैकअप करवाती रहें। रोजाना सैर अच्छी सेहत का राज है। 40 की उम्र के पार लाइफ स्टाइल में बदलाव लाया जाए और घर के सादे भोजन का ही अधिक सेवन किया जाए।

सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन के प्रति जागरूक हो महिलाएं....
डा. जीनी कहती हैं कि सर्वाइकल कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए सर्वारिक्स वैक्सीन जरूरी है। 13 से 40 साल तक की उम्र में यह वैक्सीन लगवाया जा सकता है। इससे सर्विक्स कैंसर का रिस्क कम हो जाता है। इस वैक्सीन बारे आज की महिलाओं को जानकारी तो है, लेकिन अधिक जागरूक  न होने के कारण इस वैक्सीन का फायदा कम महिलाएं ही लेती हैं। अगर समय रहते महिलाएं सावधान हो जाएं तो कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।

म्यूजिक और डांस है हॉबी..

म्यूजिक और डांस में उनकी विशेष रुचि है। अपनी व्यस्तता भरी लाइफ में वह अपनी रुचियों को भी पूरा करती हैं और अपने परिवार के साथ समय बिताना उन्हें काफी अच्छा लगता है।

 —मीनू कपूर,
लुधियाना, छाया : राकेश


 

Related News