इस्लाम धर्म के लोग रमजान के पाक महीने में 29 से 30 दिनों तक रोजे रखते हैं। रोजे के दौरान रोजेदार बहुत ही कड़े नियमों का पालन करते हुए अल्लाह की इबादत करते हैं। रमजान के पाक पवित्र महीने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है। ईद से पहले रमजान में आखिरी जुमे की नमाज का भी बहुत महत्व होता है। इस्लाम धर्म में जुमे की नमाज का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं इसके बारे में...
अलविदा की नमाज
रमजान में अलविदा जुमे की नमाज 21 अप्रैल यानी आज पढ़ी जाएगी। आज मस्जिद में अलविदा की नमाज पढ़ने के लिए लोग दोपहर सवा बारह बजे से आने लगेंगे। हदीस शरीफ (मोहम्मद के शब्द) में बताया गया है कि जुमे के दिन ही हजरत आदम अलैहिस्सलाम को जन्नत से दुनिया में भेजा गया था और जुमे को ही उन्होंने जन्नत में वापसी की थी। जुमे की नमाज अदा करने से पिछले पापों से मुक्ति मिलती है। एक जुमे की नमाज अदा करने से 40 नमाज अदा करना का सवाब मिलता है।
जानें कब मनाई जाएगी ईद?
21 अप्रैल यानी आज रमजान के 29 दिन पूरे हो रहे हैं। रमजान के आखिरी जुमे के बाद चांद का इंतजार रहेगा, और चंद दिखने के बाद धूम-धाम से ईद मनाई जाएगी।