उम्र बढ़ने के साथ-साथ लोगों को कई बीमारियां घेर लेती हैं, खासकर महिलाओं को। 40-50 की उम्र में मेनोपॉज के कारण महिलाओं में कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मगर, क्या आपने कभी सोचा है कि 20 से लेकर 30 - 40 साल की उम्र में आते आते आपकी योनि में भी बदलाव होने शुरू हो जाते हैं। भले ही आपने कभी इस बारे में ना सोचा हो लेकिन हर महिला को इन बदलावों के में जानकारी होना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे आप समय रहते वैजाइना में होने वाली परेशानियों का पता लगा सकती हैं।
चलिए आपको बताते हैं कि उम्र के अलग अलग पड़ाव पर योनि में क्या क्या बदलाव होते हैं...
प्यूबिक हेयर में बदलाव
प्राइवेट पार्ट के अनचाहे बालों से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं शेविंग, ट्रिंमिंग, वैक्सिंग और हेयर रिमूवर क्रीम पर कई पैसे खर्च करती हैं। मगर, 40-50 साल की उम्र में उन्हें इसकी भी चिंता नहीं करनी पड़ेगी। क्योंकि बढ़ती उम्र में एस्ट्रोजेन की कमी के कारण गुप्तांग के बाल पतले हो कर गायब होने शुरू हो जाएंगे।
योनी में सिकुड़न
उम्र बढ़ने के साथ-साथ योनि में सिकुड़न होने लगती है। ऐसा शरीर में एस्ट्रोजन की कमी के कारण होता है।
मेनोपॉज के दौरान होंगे ये बदलाव
40-50 की उम्र में मेनोपॉज होने लगता है तब महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। इस दौरान उन्हें हॉट फ्लैश, रात को पसीना, सोने में कठिनाई, लो मूड, चिंता, एकाग्रता की कमी जैसी परेशानियां झेलनी पड़ती है।
वैजाइना में सूजन
इस उम्र में शरीर एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन कम करता है, जिसके कारण वेजाइनल वॉल पतली हो जाती हैं या सूख जाती हैं। इसके कारण वैजाइना में सूजन व ड्राईनेस की समस्या झेलनी पड़ती है।
पेशाब करने पर जलन
बढ़ती उम्र में महिलाओं को पेशाब करते समय जलन, बार बार पेशाब आना और बहुत लंबे समय तक इसे न रोक पाना जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।
वैजाइनल इंफेक्शन
उम्र बढ़ने के साथ ही वजाइना में इचिंग शुरु हो जाती है। वजाइना में दो प्रकार के इंफेक्शन होने लगते हैं- बैक्टीरियल वेजीनोसिस (बीवी), इस इंफेक्शन में योनि में बैक्टीरिया हो जाते है। दूसरा- ट्रिकोमोनिसाईसिस, जिसमें बहुत ज्यादा खुजली होती है।
योनि में सूखापन
40 की उम्र आते आते महिलाओं की वजाइना में ड्राइनेस आने लगता है। साथ ही एस्ट्रोजेन की कमी की वजह से योनि का चिकनापन खतम होने लगता है और वह लचीलापन खो देती है।
बढ़ने लगता है बैक्टीरिया व यूरिन इंफेक्शन
योनि में स्राव की कमी से उसका pH लेवल भी बदल जाता है, जो इसे अम्लीय से अधिक एसिडिक बनाता है। यह योनि में एक ऐसा वातावरण बनाता है, जो बैक्टीरिया और ईस्ट के विकास में सहायक होता है। नतीजतन, कुछ महिलाओं में मूत्राशय का संक्रमण बढ़ जाता है।
कैसे करें Vagina की देखभाल
. योनि में किसी भी तरह का बदलाव हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
. साथ ही बढ़ती उम्र की महिलाओं को रोजाना प्रोबायोटिक फूड्स का सेवन करना चाहिए
. बढ़ती उम्र में महिलाओं को रोजाना कीगल एक्सरसाइज करनी चाहिए।
. अपनी डाइट का पूरा ख्याल रखें और जंक फूड्स, डेयरी व चीनी कम लें।
. दिनभर में कम से कम 9-10 गिलास पानी जरूर पीएं।