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Bad Luck लाती है घर की नीची छत, बीना तोड़-फोड़ के करें वास्तु दोष दूर

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 23 Nov, 2024 06:59 PM
Bad Luck लाती है घर की नीची छत, बीना तोड़-फोड़ के करें वास्तु दोष दूर

नारी डेस्क: अकसर हम घर के मुख्य द्वारा, रसोई और मंदिर के बारे में तो वास्तु का ज्ञान लेने रहते हैं, पर क्या आपने कभी घर की छत के बारे में सोचा है। वास्तु शास्त्र में छत की ऊंचाई न केवल घर की सुंदरता को बढ़ाती है बल्कि घर के वातावरण और परिवार वालों की भलाई पर भी प्रभाव डालती है। सही ऊंचाई और वास्तु सिद्धांतों का पालन करके आप खुद को और परिवार वालों को कई मुसीबतों से बचा सकते हैंञ 

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छत की ऊंचाई और ऊर्जा का प्रवाह

ऊंची छतें सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं और घर में खुलापन और स्वतंत्रता का अनुभव कराती हैं।  इससे घर का माहौल शांत और खुशहाल रहता है।  बहुत नीची छतें ऊर्जा के प्रवाह को बाधित कर सकती हैं और घर के निवासियों में मानसिक तनाव या घुटन का एहसास पैदा कर सकती हैं।  


छत की ऊंचाई का प्रभाव  

 ऊंची छतें सोचने और रचनात्मकता को बढ़ावा देती हैं।   वास्तु के अनुसार, ऊंची छतें हवा के अच्छे प्रवाह को सुनिश्चित करती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। नीची छतें श्वसन संबंधी समस्याएं या क्लॉस्ट्रोफोबिया (घुटन का एहसास) पैदा कर सकती हैं।  

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वास्तु शास्त्र के अनुसार आदर्श छत की ऊंचाई


वास्तु के अनुसार, छत की आदर्श ऊंचाई 10 से 12 फीट होनी चाहिए। यह घर में संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।  वहीं घर का लिविंग रूम ऊंचा होना चाहिए ताकि मेहमानों के लिए स्वागतपूर्ण माहौल बने।  बेडरूम में आरामदायक और शांत वातावरण के लिए मध्यम ऊंचाई होनी चाहिए।  किचन में  ज्यादा ऊंचाई की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन पर्याप्त वेंटिलेशन जरूरी है।  


छत की ऊंचाई कम होने पर समाधान


   - सफेद, हल्का नीला, या पीला रंग कमरे को बड़ा और खुला महसूस कराता है।  

   - छत पर दर्पण या चमकदार पेंट का उपयोग करें।  

   - छत के कोनों में रोशनी लगाने से कमरे की ऊंचाई अधिक प्रतीत होती है।  

   - कम ऊंचाई वाले फर्नीचर का इस्तेमाल करें।  
 

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