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केरल के विधायक व कलेक्टर ने 37 आदिवासियों तक खुद पहुंचाया राशन

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 31 Mar, 2020 03:34 PM
केरल के विधायक व कलेक्टर ने 37 आदिवासियों तक खुद पहुंचाया राशन

केरल में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मामलों की वजह से पूरे शहर को लॉकडाउन कर दिया गया था। मगर, सबसे ज्यादा असर आदिवासी बस्ती पर हो रहा है। दरअसल, लॉकडाउन के कारण आदिवासियों को राशन की काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते केरल के स्थानीय विधायक व जिला कलेक्टर ने लॉकडाउन के बावजूद खुद आदिवासी लोगों तक खाना पहुंचाने का फैलसा किया।

 

पथानामथिट्टा के स्थानीय जिला कलेक्टर और कोनी विधायक ने अलगाव में रहने वाले एक अवनीपारा आदिवासी बस्ती तक खुद चावल और किराने का सामान ले जाने के लिए 3 कि.लो. अंदर जंगल में ट्रैकिंग की। कलेक्टर पीबी नोह, जो एक नियमित पर्यवेक्षण पर थे, ने मिशन के लिए स्वयंसेवक की पेशकश की। लोगों की संख्या को सीमित करने के लिए, कलेक्टर और विधायक केवल कुछ लोगों के साथ थे।

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टीम को आदिवासी बस्ती तक पहुंचने के लिए पैदल नदी पार करनी पड़ी जो कि निकटतम सड़क से कम से कम 3 कि.लो. की दूरी पर है। कलेक्टर और विधायक ने चावल की बोरियों और प्रावधानों को अपने कंधों पर ले लिया क्योंकि बस्ती तक पहुंचने के लिए कच्चे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। यही नहीं, जिन बच्चों को जरूर सहायता भी दी गई।

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बता दें कि अवनीपारा आदिवासी बस्ती मीनाचिल नदी के दूसरी ओर पेरियार वन्यजीव अभयारण्य के अंदर 12 कि.लो. में है। यहां रहने वाले 30 आदिवासी परिवार को लॉकडाउन के चलते आवश्यक सामान की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। वार्ड पार्षद द्वारा सूचित किए जाने के बाद, माकपा विधायक केयू जनेश कुमार और स्वयंसेवकों की एक टीम ने जंगल में परिवारों को भोजन और अन्य आवश्यक चीजें पहुंचाने का फैसला किया।

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