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भारत का सबसे स्वच्छ शहर मैसूर, कचरा है कमाई का साधन (देखें तस्वीरें)

  • Updated: 07 Sep, 2016 03:19 PM
भारत का सबसे स्वच्छ शहर मैसूर, कचरा है कमाई का साधन (देखें तस्वीरें)
 भारत में एक शहर ऐसा भी हे जो जिसे देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। जी हां, ये शहर है मैसूर। इस हकीकत से हर कोई वाकिफ है कि कोई भी काम तभी सफल हो सकता है जब उसमें सभी का योगदान हो। इस मामले में मैसूर के लोग वाकई तारीफ के काबिल हैं।  मैसूर के शहर कुंबर कोप्पल में शहर को साफ रखने के साथ-साथ लोग कूड़े से कमाई भी कर रहे हैं। कुंबर कोप्पल के नागरिक  जीरो वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट की देखरेख करते हैं। यहां तक कि मैसूर के इस छोटे से कस्बे में कूड़े-कचरे से होने वाली आय ही उनकी कमाई का मुख्य साधन है।
 
 
मैसूर का कस्बा कुंबर कोप्पल एक ऐसा उदाहरण है जो कहता है कि एक छोटा सा प्रयास बहुत कुछ बदल सकता है, जरूरत है बस जागरूक होने की।कुंबर कोप्पल में प्रतिदिन 200 घरों से गीला और सूखा कचरा इकट्ठा कर अलग-अलग जमा किया जाता है।  गीले कचरे का  95 प्रतिशत हिस्सा वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में भेज दिया जाता है जहां प्रतिदिन पांच टन कचरे से खाद तैयार की जाती है  जिसे किसानों को उर्वरक के रूप में बेचा जाता है। 
 
 
सूखा कचरा जैसे प्लास्टिक और मैटल के सामान को इकट्ठा कर बेच दिया जाता है। इससे प्राप्त आय को साफ-सफाई में लगे कार्यकर्त्ताओं के बीच बांट दिया जाता है। आय के अलावा इन कार्यकर्त्ताओं को इस कार्य के बदले आवास और स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। इसके साथ ही इस कमाई के एक हिस्से को जीरो वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की मैंटेनेंस के लिए खर्च किया जाता है।
 
 
मैसूर को सुंदर और साफ सुथरा बनाने में यहां की  'स्त्री शक्ति' का महत्वपूर्ण योगदान है। स्त्री शक्ति' यहां रहने वाली महिलाओं का समूह है जो हर घर से कूड़ा कचरा एकत्रित करता है और वहां के लोगों को स्वच्छता के लिए जागरूक भी करता है।  यहां रहने वाला प्रत्येक नागरिक सफाई का बहुत ध्यान रखता है इसलिए मैसूर का नाम सबसे स्वच्छ शहरों में आता है।
 
 
 

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