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बाजार जाने का झंझट खत्म, अब घर पर भी आसानी से उगाया जा सकता है पान का पौधा

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 12 Sep, 2024 06:07 PM
बाजार जाने का झंझट खत्म, अब घर पर भी आसानी से उगाया जा सकता है पान का पौधा

नारी डेस्क: हिन्दू धर्म में सबसे ज्यादा पूजा पाठ में पान का पत्ता इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में अगर आप इसे घर में उगा लें तो इसे बाहर से खरीदने की जरूरत  नहीं पड़ेगी। लेकिन घर पर भी सिर्फ पान का बेल लगा लेना ही काफी नहीं है. इसके सही ग्रोथ के लिए कुछ खास बातों को ध्यान में रखना जरूरी है।  पान की बेल को सही ढंग से उगाने और उसका ख्याल रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स इस प्रकार हैं।

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सही स्थान का चयन करें

पान की बेल को सीधी धूप की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए इसे ऐसी जगह लगाएं जहां छाया हो। इसे छत, बालकनी या बगीचे में ऐसी जगह रखें जहां पर्याप्त रोशनी हो लेकिन सीधी धूप न पड़े। पान की बेल को ताजा हवा चाहिए, इसलिए इसे ऐसी जगह लगाएं जहां अच्छी हवा का प्रवाह हो।

मिट्टी का चयन

पान की बेल के लिए उपजाऊ और जलधारण क्षमता वाली मिट्टी का इस्तेमाल करें। मिट्टी को नम रखना जरूरी होता है, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि उसमें पानी ठहरे नहीं। बेल की जड़ें मजबूत और स्वस्थ रहने के लिए मिट्टी में जैविक खाद मिलाएं। 

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पानी का सही प्रबंधन

 पान की बेल को नियमित पानी की आवश्यकता होती है। मिट्टी को हमेशा हल्का गीला रखें, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि जड़ों में पानी जमा न हो जाए। जड़ों में अत्यधिक पानी रुकने से सड़न हो सकती है, इसलिए ज्यादा पानी डालने से बचें। पान की बेल को चढ़ने के लिए किसी सहारे की जरूरत होती है। आप इसे बांस की छड़ी या तार का सहारा दे सकते हैं ताकि बेल ऊपर की ओर बढ़ सके।


खाद और पोषण

 पान की बेल को समय-समय पर जैविक खाद दें। आप घर पर बनी खाद, जैसे गोबर की खाद या किचन वेस्ट खाद का उपयोग कर सकते हैं। नाइट्रोजन युक्त खाद पत्तों के अच्छे विकास के लिए जरूरी है, इसलिए इसे महीने में एक बार देना फायदेमंद होगा। अगर पान की बेल में कीड़े या फफूंदी लग जाती है, तो नीम के तेल का स्प्रे करें या जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल करें। पत्तियों को साफ और सूखा रखें। यदि पत्तियों पर कोई कीट या फफूंदी दिखाई दे, तो उसे तुरंत हटा दें।

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कटाई-छंटाई

पान की बेल की छंटाई करना जरूरी है ताकि यह स्वस्थ बनी रहे और नई पत्तियां जल्दी निकल सकें। सूखी या पीली पत्तियों को काट दें। बेल को सही आकार देने के लिए उसे समय-समय पर सही दिशा में मोड़ें और बेल को फैलने दें। सर्दियों में पान की बेल को ठंड से बचाने के लिए इसे किसी ढके हुए स्थान पर रखें, क्योंकि यह ठंड में मर सकती है।  गर्मियों के मौसम में पानी की मात्रा बढ़ा दें ताकि मिट्टी सूखने न पाए।

वास्तु के अनुसार स्थान

 वास्तु के अनुसार, पान की बेल को घर के उत्तर-पूर्वी दिशा में लगाने से यह सकारात्मक ऊर्जा लाती है और घर में सुख-शांति का वास होता है।
पान की बेल एक सुंदर और लाभकारी पौधा है, जिसे घर में लगाना सौंदर्य और शुभता दोनों के लिए अच्छा माना जाता है। सही देखभाल, उचित सिंचाई, और समय-समय पर पोषण देने से यह बेल लंबे समय तक हरी-भरी और स्वस्थ रहती है।

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