ब्रज की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में बलदेव के दाऊ जी मन्दिर की होली विशेष मानी जाती है।
इस होली को हुरंगा कहा जाता है।
यह होली पूर्वान्ह लगभग 11 बजे समाज गायन से शुरू होती है।
मथुरा से 25 किलोमीटर दूर खेली जानेवाली यह एक मात्र होली है ।
यहां देवर भाभी के बीच होली खेली जाती है।
गोपिकाएं अपने नये कपड़ों पर रंग डालने का विरोध करती हैं ।