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जज्बे को सलाम,सारी उम्र सब्जी बेचकर इस औरत ने गरीबों के लिए खोला अस्पताल

  • Updated: 23 Apr, 2018 06:04 PM
जज्बे को सलाम,सारी उम्र सब्जी बेचकर इस औरत ने गरीबों के लिए खोला अस्पताल

मन में अगर कुछ करने की तमन्ना हो तो मुश्किल से मुश्किल राह भी आसान हो जाती है। दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो खुद मेहनत करके मुश्किल से पैसे इकट्ठे करते हैं लेकिन इसके बावजूद दूसरों की मदद करने में वह पीछे नहीं हटते। आज हम एक ऐसी ही महिला के बारे में बात कर रहे हैं जिसने गरीबी रेखा के नीचे रहते हुए भी मेहनत करने से जी नहीं चुराया। यहां तक की सब्जी बेचकर उसने अस्पताल का निर्माण भी करवा दिया।
 

पश्चिम बंगाल की रहने वाली सुभाषिनी मिस्त्री नाम की महिला ने गरीबों का मुफ्त में इलाज करने के लिए सब्जी बेचकर पैसे इकट्ठे किए और अस्पताल खुलवाया जिसका नाम Humanity Hospital रखा। सामाजिक कार्य करने के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया। 
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सुभाषिनी की राह नहीं थी आसान
सुभाषिनी मिस्त्री का जन्म 1943 को हुआ था। तकलीफों और गरीबी से गुजरते हुए मां-  बाप ने 14 साल की उम्र में शादी करवा दी थी और 23 साल की उम्र तक वह चार बच्चों की मां चुकी थी। पति के बीमार होने पर उसे गांव के बाहर जिला अस्पताल में पति को ले जाना पड़ा। देरी की वजह और पैसों की कमी के कारण उनके पति की मौत हो गई। इस घटना के बाद उसने गांव में अस्पताल खोलने के बारे में सोचा ताकि बीमारी से किसी की मौत न हो सके। 

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इस तरह बना अस्पताल
सुभाषिनी ने इस काम को करने के लिए लगातार 20 साल तक सब्जी बेचने के साथ मजदूरी भी की। इसी तरह धीरे-धीरे उन्होने दस हजार रुपय इकट्ठे किए और अस्पताल के लिए जमीन खरीदी। 1995 में अस्पताल की नींव रखी और धीरे-धीरे अस्पताव बनकर तैयार हुआ। इससे बहुत से गरीब लोगों को फायदा मिला। उन्हें इसके लिए पद्मश्री से नवाजा गया। 


सुभाषिनी के इस अस्पताल को बाद में कई बड़े-बड़े लोगों से भी मदद मिलनी शुरू हो गई। कई लोग इस अस्पताल से जुड़ चुके हैं। अब इस अस्पताल के पास तीन एकड़ जमीन भी है। 

 

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