नारी डेस्क: गर्भवती महिलाओं के लिए प्रेगनेंसी का समय बेहद नाजुक होता है। इस समय एक महिला को अपनी और बच्चे की सेहत के लिए खास खान पान का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। उन्हें अपनी डाइट कुछ ऐसी चीजें लेनी होती है कि वे अपनी पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें और उन्हीं में से एक जिंक भी है। यूं तो जिंक की जरूरत हर किसी को होती है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान एक महिला को अधिक जिंक लेना चाहिए। आपको जानकारी के लिए बता दें कि ज़िंक की कमी होना न सिर्फ महिला बल्कि बच्चे की सेहत के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। इसी के साथ चलिए अब विस्तार से जानते हैं इसके बारे में -
भ्रूण के विकास के लिए
जिंक भ्रूण की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खासकर यह गर्भावस्था के शुरुआती दौर में बेहद जरूरी है। जिंक डीएनए संश्लेषण, कोशिका विभाजन और प्रोटीन संश्लेषण में शामिल है, जिससे बच्चे के अंगों, कंकाल और तंत्रिका तंत्र के निर्माण में मदद मिलती है। इसलिए, भ्रूण के सही विकास के लिए जिंक आवश्यक है।
इम्यून सिस्टम को करे सपोर्ट
हेल्दी इम्यून सिस्टम के लिए जिंक बहुत जरूरी है। चूंकि गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान, एक महिला के इम्यून सिस्टम में बदलाव होता है, जिससे वह संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है। ऐसे में अगर महिला पर्याप्त जिंक का सेवन करती है तो उसके इम्यून सिस्टम को सपोर्ट मिलता है और ऐसे में मां और शिशु दोनों को ही संक्रमण से बचाया जा सकता है।
ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन में मददगार
गर्भावस्था के दौरान जिंक मां से भ्रूण में स्थानांतरित होता है, जबकि जन्म के बाद स्तन के दूध के माध्यम से यह शिशु में स्थानांतरित होता है। इसलिए, महिला को पर्याप्त मात्रा में जिंक लेना चाहिए, जिससे वह अपने व शिशु दोनों का अधिक बेहतर तरीके से ख्याल रख सके।
पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण
इससे भी ज्यादा जरूरी है कि शरीर में उन पोषक तत्वों का बेहतर तरीके से अवशोषण हो। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में सेवन करना अधिक आवश्यक हो जाता है। आयरन, कैल्शियम और विटामिन डी जैसे अन्य आवश्यक पोषक तत्वों के अवशोषण और उपयोग के लिए पर्याप्त जिंक का सेवन करना जरूरी है।