प्रैगनेंसी पीरियड एक ऐसा समय होता है जिसमें महिला और उनके होने वाले बच्चे को खास केयर की जरूरत होती है। प्रेगनेंसी का हर महीना ही खास होता है लेकिन 8वें महीना सबसे अहम माना जाता है क्योंकि इस महीने में बच्चे की हलचल भी बढ़ जाती है और वह जल्दी ही अपने पैरेंट्स से भी मिलने वाला होता है इसीलिए इस महीने में महिला को अपना ध्यान ज्यादा रखने की जरूरत होती है। यह महीना भावनात्मक रूप से भी जुड़ा होता है। इस महीने में महिला को मेडिटेशन और योगा करने की सलाह दी जाती है जिससे वह खुद को शांत रख सकें। इस समय बच्चा पूरा ग्रोथ कर चुका होता है जिसके चलते महिला के शरीर में कुछ बदलाव आ जाते हैं। चलिए आठवें महीने से जुड़ी कुछ खास बातें और संकेत बताते हैं जिनके बारे में महिलाओं को पता होनी चाहिए।
सांस लेने में कठिनाई
इस माह में बच्चा यूट्रस में पूरी तरह ग्रोथ कर चुका होता है जिसके चलते पेट पर कसाव आ जाता है। यूट्रस और पेट के साथ साथ महिलाएं के लंग्स पर भी इसका दबाव बढ़ता है जिससे इस समय महिलाओं को सांस लेने में कठिनाई होती है। ऐसे में खड़े और बैठने की पोजिशन सही रखें ताकि आपको सांस लेने में कठिनाई ना हो।
बार-बार यूरिन आना
अगर आपका बच्चा, बच्चेदानी व पेट के बिलकुल नीचे की तरफ है तो इसका प्रैशर आपके ब्लैडर पर पड़ेगा जिससे आपको बार बार यूरिन आने की समस्या होगी। पेल्विक एरिया पर इसका दबाव बना रहेगा।
स्किन स्ट्रैचिंग
इस माह में आकर पेट एकदम स्टैच हो जाता है। बहुत सी महिलाओं को खुजली की परेशानी हो जाती है। वैसे इसे आप रैगुलर लॉशन व क्रीम की मदद से दूर कर सकती हैं नहीं तो आपके पेट पर स्ट्रैच मार्क्स के निशान पड़ेंगे।
ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन
ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन में ऐसा महसूस होता है-जैसे आपके पेट में मांसपेशियां कस रही हैं और जब संकुचन होने पर आप अपने पेट पर हाथ रखते हैं तो आप शायद महसूस कर सकते हैं कि आपका गर्भाशय काफी सख्त हो गया है। संकुचन अनियमित रूप से आते हैं और आमतौर पर लगभग 30 सेकंड तक चलते हैं। आपकी पहली गर्भावस्था है तो आप उन्हें लगभग 16 सप्ताह से महसूस करना शुरू कर सकती हैं। बाद में, आप ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन अधिक बार या पहले महसूस कर सकती हैं। कुछ महिलाएं उन्हें बिल्कुल भी महसूस नहीं करेंगी।
वेरिकोज वेन्स
इस दौरान ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है जिसके चलते नसों पर दबाव बढ़ता है जिसके चलते खुजली इचिंग और दर्द की समस्या होने लगती है। वेरिकोज वेनस ज्यादातर पैरों और टांगों पर ही नजर आती हैं।इस दौरान फाइबर फूड खाते रहे खुद को हाइड्रेट रखें और आराम जरूर करें।
थकान
इस दौरान बच्चे का वजन बढ़ जाता है जिसके चलते आप थकान महसूस करते हैं। प्रैगनेंसी में सोने की पोजिशन को लेकर भी महिलाएं परेशान रहती है। आराम दायक नींद के लिए आप प्रैगनेंसी पिल्लो का इस्तेमाल करें।
आठवें महीने में आपकी डाइट
इस दौरान आपको बैलेंस डाइट लेते रहना चाहिए जैसे फल , लो-फैट डेयरी प्रॉडक्ट्स, सब्जियां, चिकन साबुत अनाज और जरूरी पोषक तत्व जो बच्चे के विकास के लिए जरूरी हैं। कच्ची मछली और चीज़ खाने से परहेज करें या डाक्टरी सलाह जरूर लें। अगर आपको इस दौरान डायबिटीज या हाइपर टेंशन की समस्या हो गई है तो डॉक्टरी को जरूर बताएं।
आठवें महीने में सफर करना
वैसे तो प्रैगनेंसी के किसी भी महीने में आप सफर कर सकते हैं अगर आपकी प्रैगनेंसी पीरियड्स में हैल्थ इश्यूज नहीं आ रहे लेकिन फिर भी अगर आप हवाई सफर करने जा रही है खासकर आठवें महीने में तो एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
डॉक्टर से कब मिलें?
आपकी ड्यू डेट नजदीक आ रही है तो आपको रेगुलर चेकअप करवाते रहना चाहिए।
इसके अलावा अगर आपका वॉटर ब्रेक हो गया है
आपको वैजाइनल ब्लीडिंग और कोई इंफेक्शन हो गई है।
आपको उल्टियां या दस्त की समस्या हो गई है।
सिरदर्द, आंखों में धुंधलापन या चेहरे व हाथ पैर पर सूजन आ रही है तो ऐसे में अपनी गाइनी से तुरंत मिलें।
अब तो आप जान गए होंगे कि प्रेगनेंसी का आठवां महीना क्यो खास है और आपको किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है।