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बच्चों को कफ सिरप कब देना फायदेमंद और कब खतरनाक? जान लें हर ज़रूरी बात

  • Edited By Monika,
  • Updated: 16 Nov, 2025 04:26 PM
बच्चों को कफ सिरप कब देना फायदेमंद और कब खतरनाक? जान लें हर ज़रूरी बात

नारी डेस्क : जब बच्चे को खांसी होती है, तो अधिकतर माता-पिता तुरंत कफ सिरप देने लगते हैं। लेकिन बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा करना हमेशा सही नहीं होता। ज़रूरत से ज्यादा खांसी की दवाएं बच्चों को फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान दे सकती हैं। कई बार इतना कि वह “जहर जैसा असर” कर सकती हैं। आइए सरल भाषा में समझते हैं कि बच्चों को कफ सिरप कब देना चाहिए और कब नहीं।

हर खांसी में दवा की जरूरत नहीं होती

अधिकतर बच्चों की खांसी वायरल इंफेक्शन (सर्दी, फ्लू) के कारण होती है, जो कुछ दिनों में खुद ठीक हो जाती है।
कफ सिरप सिर्फ लक्षण दबाती है, बीमारी का कारण नहीं हटाती। 
अस्थमा, एलर्जी या किसी गंभीर संक्रमण का पता देर से लगता है
खांसी बार-बार लौट आती है।
बीमारी का सही इलाज लेट हो जाता है।

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ज्यादा कफ सिरप बच्चों के लिए जहर बन सकती है

अक्सर कफ सिरप में डिकंजेस्टेंट, एंटीहिस्टामिन और कुछ सिरप में कोडीन जैसे तत्व मौजूद होते हैं। ये दवाएं बड़े लोगों को तो सामान्य मात्रा में सहन हो जाती हैं, लेकिन बच्चों का शरीर दवाओं के प्रति बहुत संवेदनशील होता है। इसी वजह से यदि बच्चे को गलती से थोड़ी भी ज्यादा मात्रा दे दी जाए, तो उसके शरीर पर इसका जहर जैसा असर हो सकता है। ओवरडोज या गलत डोज से बच्चे में अत्यधिक नींद, चक्कर, तेज धड़कन, मितली-उल्टी, बेचैनी या सांस लेने में दिक्कत जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए कफ सिरप बच्चों को हमेशा डॉक्टर की बताई डोज में ही देनी चाहिए, अंदाज़े से कभी नहीं।

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बच्चों का शरीर दवाएं अलग तरह से पचाता है

बड़ों की तुलना में बच्चों का लिवर और किडनी विकसित नहीं होते, इसलिए दवाएं शरीर में ज्यादा समय तक रहती हैं।
इस वजह से: दवा का प्रभाव ज्यादा तेज होता है
साइड इफेक्ट का खतरा बढ़ जाता है
वही डोज जो बड़ों के लिए ठीक है, बच्चे के लिए ज्यादा हो सकती है
इसीलिए डॉक्टर दवा हमेशा बच्चे के वजन के हिसाब से लिखते हैं, न कि अनुमान से।

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घरेलू उपाय ज़्यादा सुरक्षित और असरदार

एक साल से बड़े बच्चों को शहद: गले को आराम देता है, रात की खांसी कम करता है।
गर्म पानी, सूप, हर्बल चाय: गले को कोट करता है और सूजन कम करता है।
भाप लेना: कंजेशन कम करता है।
नमक के पानी की नाक में बूंदें: जकड़न खुलती है।
खूब पानी पीना और आराम: शरीर खुद ठीक होने लगता है।
इन उपायों का सबसे बड़ा फायदासुरक्षित, सस्ते और बिना किसी साइड इफेक्ट के।

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कब जरूरी होती है कफ सिरप? (बहुत कम परिस्थितियों में)

डॉक्टर निम्न स्थितियों में कफ सिरप दे सकते हैं।
एलर्जिक खांसी
काली खांसी (Whooping Cough)
बैक्टीरियल इंफेक्शन, जिसमें एंटीबायोटिक की जरूरत हो
फिर भी, दवा की मात्रा, अवधि और प्रकार डॉक्टर ही तय करते हैं।
खुद से बच्चों को दवा देना खतरनाक है।

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चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर के अनुसार: खांसी शरीर की सुरक्षा प्रतिक्रिया है। इसे जरूरत से ज्यादा दबाने की कोशिश नुकसानदायक हो सकती है।

दवा तभी दें जब डॉक्टर कहें, हर खांसी में कफ सिरप जरूरी नहीं, हल्की खांसी घरेलू उपायों से ठीक हो जाती है, ज्यादा दवा से साइड इफेक्ट और ओवरडोज का खतरा, बच्चे को खांसी जल्दी ठीक नहीं हो रही है तो कारण पता करें और दवा हमेशा बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह से ही दें।

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