नारी डेस्कः बाकी विटामिन्स की तरह विटामिन-डी (Vitamin D) शरीर में पर्याप्त होना भी बहुत जरूरी है क्योंकि आपकी हड्डियों को मजबूती इसी विटामिन की वजह से मिलती हैं। विटामिन डी की कमी से सिर्फ हड्डियां ही कमजोर नहीं होती बल्कि इम्यूनिटी भी वीक होती है और यह मानसिक स्वास्थय पर भी असर डालती है। इसे सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है क्योंकि सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से यह हमें नैचुरल रूप से मिलता है। विटामिन डी सिर्फ हड्डियां और इम्यूनिटी को ही स्ट्रांग नहीं करता बल्कि मूड बेहतर और थायरॉइड ग्लैंड को हेल्दी रखने का काम भी करता हैं लेकिन विटामिन डी की कमी से बचने के लिए लोग खुद से ही कई तरह के सप्लीमेंट्स का सेवन शुरू कर देते है जबकि बिना डॉक्टर की सलाह लिए विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेना सेहत को कैसे प्रभावित कर सकता है क्योंकि इन सप्लीमेंट्स को लेने से विटामिन-डी टॉक्सिसिटी का रिस्क बढ़ जाता है।

किनमें विटामिन-डी की कमी ज्यादा होती है?
विटामिन डी की कमी उन्हें ज्यादा होती है जो धूप बिलकुल नहीं सेंकते और घर के अंदर ही अधिक समय बिताते हैं जो लोग मोटापे से पीड़ित होते हैं और गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को भी यह समस्या होती है जो लोग दूध व डेयरी प्रोडक्ट्स बिलकुल नहीं खाते हैं।

कब लेना चाहिए विटामिन डी सप्लीमेंट्स?
विटामिन डी के सप्लीमेंट्स लेने से पहले डाक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। वह आपको विटामिन डी की कितनी मात्रा कब तक लेनी है यह सुनिश्चित कर सकते हैं।
विटामिन डी सप्लीमेंट्स का ज्यादा सेवन करने के नुकसान (Vitamin D Overdose Side Effects)
Vitamin-D का ओवडोज सेहत को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप विटामिन डी का सेवन जरूर से ज्यादा कर रहे हैं तो हाइपरकैल्सीमिया हो सकता है, जिसके कारण मतली, उल्टी, कमजोरी, भूख न लगना और किडनी प्रॉब्लम तक हो सकती हैं। विटामिन डी कुछ दवाओं, जैसे कि स्टेरॉयड और एंटीसीड्स के साथ इंटरैक्ट कर सकता है और उनके असर को प्रभावित कर सकता है। विटामिन डी हमारे शरीर के लिए आवश्यक है, लेकिन इसका अधिक सेवन (Vitamin D Toxicity या Hypervitaminosis D) स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह समस्या तब होती है जब व्यक्ति लंबे समय तक जरूरत से ज्यादा विटामिन डी सप्लीमेंट्स का सेवन करता है। चलिए आपको विटामिन डी सप्लीमेंट्स के अधिक सेवन करने के नुकसान बताते हैं।
कैल्शियम का अत्यधिक स्तर (Hypercalcemia)
विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है। ज्यादा विटामिन डी लेने से खून में कैल्शियम का स्तर बहुत अधिक हो सकता है, जिससे समस्याएं हो सकती हैं जैसे:
भूख कम लगना
प्यास अधिक लगना
पेशाब बार-बार आना
उल्टी और मतली
कमजोरी और थकान

किडनी पर बुरा असर
अत्यधिक विटामिन डी का सेवन किडनी में कैल्शियम जमा होने का कारण बन सकता है। इससे किडनी स्टोन या किडनी फेलियर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
दिल की समस्याएं
ज्यादा कैल्शियम का स्तर दिल की धड़कन को अनियमित कर सकता है। यह हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।
हड्डियों पर असर
विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा सेवन करने पर यह हड्डियों से कैल्शियम खींचने लगता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
डिहाइड्रेशन और हाई ब्लड प्रेशर
शरीर में ज्यादा कैल्शियम जमा होने से डिहाइड्रेशन और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
पाचन समस्या
पेट दर्द, डायरिया (दस्त), और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
मानसिक समस्या
विटामिन डी का अत्यधिक स्तर मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं को बढ़ा सकता है।
कितना विटामिन डी लेना चाहिए?
वयस्कों के लिए 600-800 IU प्रतिदिन। इसके अलावा आपकी शारीरिक स्थिति के अनुसार, आपको कितनी डोज चाहिए इसकी जानकारी डाक्टर से लें। शरीर में विटामिन डी का स्तर नियमित जांच करवाएं।
यह बातें याद रखें
डॉक्टर की सलाह के बिना विटामिन डी सप्लीमेंट्स का सेवन न करें।
धूप से प्राकृतिक विटामिन डी प्राप्त करने का प्रयास करें।
संतुलित आहार लें जिसमें विटामिन डी और कैल्शियम प्राकृतिक रूप से उपलब्ध हो।