05 DECFRIDAY2025 2:47:22 PM
Nari

इस बार की विश्वकर्मा पूजा है बेहद खास, 100 साल बाद एकसाथ बन रहे हैं 4 दुर्लभ योग

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 09 Sep, 2025 04:52 PM
इस बार की विश्वकर्मा पूजा है बेहद खास, 100 साल बाद एकसाथ बन रहे हैं 4 दुर्लभ योग

नारी डेस्क:  भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार और वास्तु देवता माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में उन्हें सृजन के देवता के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उन्होंने देवताओं के महल, रथ, दिव्य अस्त्र-शस्त्र और यहां तक कि द्वारका जैसी पौराणिक नगरी का निर्माण किया था।  उनके सम्मान में विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है, जो भाद्रपद मास के सूर्यकन्या संक्रांति पर आती है। 


100 सालों बाद बन रहा है ये योग

पंचांग के अनुसार, 17 सितंबर की सुबह 08:12 बजे सूर्य का कन्या राशि में प्रवेश होगा, इसके तुरंत बाद से विश्वकर्मा पूजा की शुरुआत मानी जाएगी।  ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 08:15 बजे से लेकर दोपहर 12:50 बजे तक रहेगा। इस बार विश्वकर्मा पूजा पर पूरे 100 सालों बाद अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु पुष्य योग, शिवयोग और एकादशी का संगम एक ही दिन पड़ रहा है। 


पूजा का महत्व

विश्वकर्मा जयंती पर कारीगर, मजदूर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट और फैक्ट्री या ऑफिस में काम करने वाले लोग अपने औज़ारों, मशीनों और वाहन की पूजा करते हैं। यह पूजा करने से काम में सफलता, व्यापार में उन्नति और दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्राप्त होती है। माना जा रहा है कि इस बार की पूजा से व्यक्ति को दीर्घकालिक समृद्धि और सफलता प्राप्त होगी।

विश्वकर्मा पूजा के नियम 


सूर्योदय से पहले स्नान कर घर और कार्यस्थल की अच्छी तरह सफाई करें। इस दिन अपने औज़ार, गाड़ियों, कंप्यूटर, मशीनों को धोकर उनकी पूजा करें। उन पर हल्दी, चावल और फूल चढ़ाएं। घर या ऑफिस/फैक्ट्री में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। पीले या लाल कपड़े पर बैठाकर पूजा करें। पूजा में हल्दी, कुमकुम, चावल, फूल, धूप, दीपक, नैवेद्य और फल अवश्य शामिल करें।

मंत्र जाप

"ॐ आधार शक्तपे नमः, ॐ कुमाय नमः, ॐ अनन्तम नमः" जैसे विश्वकर्मा मंत्र का जाप करें। इससे कार्यक्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। पूजा के बाद प्रसाद बांटें और परिवार व कर्मचारियों के साथ भोजन करें। इस दिन झूठ बोलने, मांस-मदिरा सेवन और अपवित्र कार्यों से बचना चाहिए। विश्वकर्मा पूजा केवल धार्मिक आस्था नहीं बल्कि काम और तकनीक से जुड़े हर इंसान की सुरक्षा और समृद्धि से जुड़ी है। इस बार का विशेष संयोग इसे और भी शुभ और फलदायी बना रहा है।

Related News