भगवान कृष्ण को बांसुरी बहुत प्रिय है। 6 सितंबर को कृष्ण जन्माष्टमी भी है। मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी पर बांसुरी भेंट करने से वो बहुत प्रसन्न होते हैं। वास्तु शास्त्रों के नियमों के हिसाब से घर में बांसुरी रखने से कई सारे लाभ मिलाते हैं, लेकिन बांसुरी कैसी होनी चाहिए और घर की किस दिशा में रखनी चाहिए, ये जानना बहुत जरूरी है वरना बहुत नुकसान हो सकता है....
बांसुरी कैसी हो
ज्यादातर बांसुरी बांस से बनी होती है क्योंकि बांस के पौधे को दिव्य माना जाता है। लेकिन जिन के पास लकड़ी की बांसुरी होती है उनके ऊपर श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है। नया व्यापार शुरू करना है तो अलमारी में लकड़ी की बांसुरी रखनी चाहिए। जीवन में सुख, शांति और खुशियों के लिए चंदन की लकड़ी की बांसुरी रखें। शिक्षा, व्यवसाय या नौकरी में बांधाएं आ रही हैं तो घर के पूर्व या उत्तर दिशा में सोने या पीतल की बांसुरी रखें। वहीं दुकान या व्यापारिक संस्थान में चांदी की बांसुरी रखने से व्यापार में वृद्धि और धन लाभ होता है। बांसुरी को पूजा घर में रखने से आर्थिक समस्या से छुटकारा मिल सकता है। गंभीर या लंबी बीमारियों से बचने के लिए कितना में गोल्ड बांसुरी रखना चाहिए।
बांसुरी का रंग
मनपसंद नौकरी पाने के लिए रूम के मुख्य द्वार के पास पीली बांसुरी रखें। मनचाहे साथी से शादी के लिए तकिये के नीचे लाल बांसुरी रखें। संतान प्राप्ति हेतु बेडरूम में हरी बांसुरी रखें, जो किसी को दिखाई न दें। करियर में सफलता के लिए स्टडी रूप में सफेद बांसुरी रखें। वहीं गृहकलह खत्म करने के लिए एक ही रंग की दो बांसुरियां मुख्य हॉल में रखें। नेगेटिविटी से बचने के लिए काले रंग से सजी बांसुरी घर या दुकान की छत पर टांग दें।
किस दिशा में रखें बांसुरी
- बांसुरी को पूजाघर में भी रखा जा सकता है। पूजा घर ईशान कोण में होना चाहिए।
- बांसुरी को कमरे के दरवाजे के ऊपर या सिरहाने रखने से परिवार के सदस्य हमेशा स्वस्थ रहते हैं।
- आर्थिक उन्नति को बढ़ाने के लिए पूजाघर के दरवाजे पर बांसुरी रखना चाहिए।
-ऑफिस या दुकान में उत्तर दिशा में, मुख्य द्वार के उपर या छत पर बांसुरी टांगने से लाभ मिलता है।