![जहर बन जाता है इन बर्तनों में बना खाना, एक्सपर्ट्स ने कहा हो जाएं सावधान](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2024_5image_10_27_2032542233-ll.jpg)
हर घर की किचन में आज कल लोग एल्यूमीनियम में खाना पकाने की बजाए नॉन स्टिक के बर्तनों पर ही खाना बनाना पंसद करते हैं। आज कल के समय में नॉन स्टिक बतरनों का ही इस्तेमाल करने का एक ट्रेंड बन चुका है। लेकिन क्या अपने कभी सोचा है की यही बर्तनों की वजह से अगर आपकी सेहत को नुकसान पहुंच रहा हो तो? अब आप सोच रहे होंगे की भला बर्तनों से केसा नुकसान! लकिन ये सच है, दरअसल एक टॉप न्यूट्रिशन संस्थान ने लोगों के लिए डायट्री गाइड लाइन्स जारी की हैं। इस गाइड लाइन्स में बताया गया है की नॉन स्टिक बर्तनों के कारण हमारी सेहत पर काफी बुरा असर पहुँचता है। इससे कई तरह की खतरनाक बीमारियां होने के चांस बढ़ जाते हैं। इसके साथ ही उसमें ये भी बताया गया है की नॉन स्टिक की बजाए मिट्टी के बर्तनों का ही उपयोग करें। ऐसा इसलिए क्योंकि ये नॉन टॉक्सिक होते हैं और इनमें किसी भी केमिकल का इस्तेमाल भी नहीं होता। तो चलिए अब हम इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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टेफलॉन की कोटिंग नॉन स्टिक बर्तनों को बनाती है हानिकारक
दरअसल, विशेषज्ञ मानते हैं कि किसी भी नॉन स्टिक बर्तन को ज्यादा गर्म करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि टेफलॉन की कोटिंग झड़कर हानिकारक धुआं छोड़ती है। यह धुआं हमारे फेफड़ों और फ्लू जैसे लक्षणों का कारण बन सकता है, जिसे पॉलिमर फ्यूम बुखार के नाम से जाना जाता है। इसलिए इनका इस्तेमाल जितना कम हो सके उतना कम करना चाहिए।
बेस्ट हैं मिट्टी के बर्तन
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एक्सपर्ट्स की मानें तो उनका कहना है की मिट्टी के बर्तनों को उनकी गर्मी वितरित करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। जिकसी वजह से ये आपके भोजन में पोषक तत्वों को बनाए रखने में भी कारगर होते हैं। हालांकि इन्हें सेंसिटिव नेचर के कारण हैंडल करना थोड़ा मुश्किल है। इन बर्तनों को रेगुलर क्लीनिंग की भी जरूरत होती है। अगर कोई भोजन में पर्याप्त पोषक तत्व चाहते हों तो उन लोगों के लिए मिट्टी के बर्तन ही एक अच्छा विकल्प हैं।