नारी डेस्क: टीवी इंडस्ट्री की कई ऐसी एक्ट्रेसेस हैं, जिन्होंने अपनी शादीशुदा जिंदगी में मां बनने की ख्वाहिश जाहिर की है, लेकिन यह सपना अब तक पूरा नहीं हो पाया है। इनमें से कुछ को मेडिकल समस्याएं झेलनी पड़ी हैं, तो कुछ अपने पार्टनर की सोच से असहमति के कारण संघर्ष कर रही हैं। आइए जानते हैं इन एक्ट्रेसेस की पूरी कहानी आसान भाषा में।
पायल रोहतगी और संग्राम सिंह का संघर्ष
पायल रोहतगी और संग्राम सिंह का रिश्ता इन दिनों सुर्खियों में है। दोनों के बीच बच्चे को गोद लेने को लेकर विवाद चल रहा है। पायल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि वह मेडिकल कारणों से मां नहीं बन सकतीं और इसलिए बच्चा गोद लेना चाहती हैं। हालांकि, संग्राम गोद लेने के पक्ष में नहीं हैं। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में पायल संग्राम से गोद लेने के कागजात मांगते हुए नजर आईं।
सरगुन मेहता और रवि दुबे
सरगुन मेहता और रवि दुबे टीवी इंडस्ट्री के लोकप्रिय कपल्स में से एक हैं। 2013 में शादी करने के बाद भी यह जोड़ी अभी तक माता-पिता नहीं बनी है। हालांकि, दोनों अपनी प्रोफेशनल लाइफ में काफी सफल हैं और हर जगह छाए रहते हैं।
संभावना सेठ की IVF का दर्द
संभावना सेठ सोशल मीडिया पर अपने व्लॉग्स के लिए जानी जाती हैं। वह कई बार IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) की प्रक्रिया से गुजरी हैं, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं रहा। संभावना ने अपनी मां बनने की इच्छा को लेकर कई बार अपनी भावनाएं साझा की हैं।
अंकिता लोखंडे और विक्की जैन की प्लानिंग
टीवी की फेवरेट बहुओं में से एक, अंकिता लोखंडे और उनके पति विक्की जैन फैमिली प्लानिंग पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक यह कपल पेरेंट्स नहीं बन पाया है।
कविता कौशिक का अलग नजरिया
टीवी की लोकप्रिय इंस्पेक्टर चंद्रमुखी चौटाला, यानी कविता कौशिक, फिलहाल एक्टिंग से दूर हैं। 43 साल की कविता ने अभी तक मां बनने का निर्णय नहीं लिया है और अपने करियर तथा जीवन में खुश हैं।
दिव्यांका त्रिपाठी और विवेक दहिया
दिव्यांका त्रिपाठी और विवेक दहिया की शादी को 7 साल हो चुके हैं। फैंस इस कपल से गुड न्यूज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन दिव्यांका अब तक मां नहीं बन पाई हैं।
इन एक्ट्रेसेस की कहानियां यह दिखाती हैं कि मां बनने की ख्वाहिश सिर्फ एक महिला की नहीं होती, बल्कि इसमें परिवार, समाज और व्यक्तिगत परिस्थितियों का भी बड़ा योगदान होता है। किसी के लिए यह मेडिकल चुनौती है, तो किसी के लिए पार्टनर की असहमति। इन महिलाओं की हिम्मत और संघर्ष यह सिखाता है कि हर व्यक्ति की जर्नी अलग होती है और इसे समझना और सम्मान देना चाहिए।