गर्मियों में पसीने की दुर्गन्ध आम समस्या है जबकि एक सुखद सुगंध तन मन दोनों को आनंदित कर देती है। गर्मियों में परफ्यूम लगाना हर कोई पसन्द करता है और बाजार में आपको इसकी अनगिनित वैरायटी मिल जाती है। कुछ लोगों में परफ्यूम लगाने का शौक किसी क्रेज से काम नहीं होता , क्योंकि जिसके पास से सुगन्ध आती है उसकी ओर दूसरे व्यक्ति खींचे चले जाते हैं।
गर्मियों में मूड को खुशमिजाज रखना बेहद जरूरी होता है तथा अधिकांश लोग इस दुविधा में रहते हैं की किस तरह का परफ्यूम लगाया जाए क्योंकि पसीने की बदबू को रोकने तथा दिलो दिमाग में सकून पाने के लिए ऐसे परफ्यूम की जरूरत होती है जोकि आपके त्वचा और व्यक्तित्व दोनों के अनुकूल हो तथा आपको फील गुड का अहसास करवा सके ।
घटिया परफ्यूम से हो सकती है स्किन एलर्जी
यह ध्यान रखें की सस्ते और घटिया परफ्यूम से आप को स्किन एलर्जी हो सकती है तथा त्वचा पर छाले भी पड़ सकते हैं। अगर आपको किसी ब्रांड का परफ्यूम अनुकूल लगता हो तो उसे उपयोग करते रहें तथा बार बार ब्रांड न बदलें ।कभी भी परफ्यूम को शरीर के खुले अंगों पर न लगाएं क्योंकि इससे रिएक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। परफ्यूम खरीदने से पहले इसमें एसिड की मात्रा जरूर चेक कर लें क्योंकि एसिड की मात्रा ज्यादा होने से शरीर में खुजली , रैशेस आदि की समस्या हो सकती है ।
कलाई पर लगा करें परफ्यूम को टेस्ट
परफ्यूम की उपयोगिता चेक करने इसे अपनी कलाई पर दस मिनट तक लगाएं तथा यदि उस भाग पर दस मिनट तक कोई खुजली या काला धब्बा नहीं पड़ता तो यह आपकी त्वचा के अनुकूल हैं ।हमेशा प्राकृतिक खुश्बू बाला परफ्यूम बेहतर साबित होता है । यह एक सामान्य नियम है की लड़कियों को हल्का व लड़कों को स्ट्रांग परफ्यूम का उपयोग करना चाहिए । यह ध्यान रखें की परफ्यूम खरीदने से पहले इसकी सुगन्ध की जाँच स्टोर के बाहर जरूर कर लें क्योंकि स्टोर के अन्दर एयर कंडीशनिंग का असर परफ्यूम की सुगन्ध पर पड़ता है।
बदलते मौसम से परफ्यूम को भी करें चेंज
बदलते मौसम में जैसे हम पहनावे, आभूषण, फुटवेयर का चुनाव करते है वैसे ही हर मौसम तथा अवसर पर आपके व्यक्तित्व से मैच करता हुआ परफ्यूम उपयोग करें तो आप ताजगी तथा आनन्दित महसूस करेगे। गर्मियों में धूल, मिट्टी, गन्दगी, पसीना, शाम तक पूरे शरीर को बदबूदार बना देते है ऐसे में आपके शरीर के नेचूरल कैमिकल्स के साथ मेल खाते परफ्यूम आपके लिए सबसे बेहतर साबित होंगे। परफ्यूम का सही चयन आपके व्यक्तित्व से जुड़ जाता है तथा आपके लाईफ स्टाईल की निशानी बन जाता है। गर्मियेां में खुशबू तेजी से छूमंतर हो जाती है इसलिए ऐसे में फूलों को खुशबू वाले परफ्यूम आपके मूड को बुलन्द करेेंगे तथा मौसम के हिसाब से सबसे बेहतर साबित होंगे गर्मियों में हम अक्सर ज्यादातर समय पार्टियों, घूमने-फिरने, पहाड़ों तथा समुंद्र किनारे वक्त गुजारने तथा खाने-पीने में ज्यादा मशगूल रहते हैं तथा हमारे ज्यादातर अंग नंगे रहते है जिन पर सूरज की किरणें सीधी पड़ती हैं। ऐसे में सही परफ्यूम का चुनाव मुश्किल हो जाता है। गर्मियों में उच्च सान्द्रता के शुद्ध परफ्यूम का चयन करना चाहिए ताकि यह गर्मी तथा आर्द्रता झेल सके। गर्मियों में आपके अपने व्यक्तित्व में मेल खाता परफ्यूम चुनना चाहिए जोकि लम्बे समय तक खुशबू प्रदान कर सके।
गर्मियों में जीवन्त, तरोताजा रहना काफी कठिन होता है तथा हम जयादातर समय ठण्डक की तलाश में रहते है। गर्मियों में पसीने की बदबू जहां हमारा मूड खराब कर देती है वहीं दूसरी ओर उससे आदमी असहज महसूस करता है तथा पसीने की दुर्गन्ध से उसे कई बार शर्मिन्दगी झेलनी पड़ती है। हालांकि शरीर से पसीना आना प्राकृतिक प्रक्रिया है लेकिन जब यह पसीना बैकटीरिया से मिलता है तो दुर्गन्ध पैदा होती है डीओडरैन्ट, टैल्कम पाउडर तथा परफ्यूम का सही चुनाव पसीने की दुर्गन्ध से छुटकारा पाने में मददगार साबित होते है।
डीओडरेंट से बना लें दूरी
ज्यादातर डीओडरेंट शरीर से पसीने को रोकने का काम करते है तथा ऐसे में रोल-आन की बजाय स्प्रे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है। गर्मियों के मौसम में हल्की खुशबू का डियोडरैन्ट ज्यादा असरदायक माना जाता है। क्येांकि तेज खुशबू वाले पसीने को रोकने वाले डियोडरैन्ट के प्रयोग से त्वचा में जलन या रिएक्शन हो सकता है। ज्यादातर परफ्यूम के नियमित प्रयोग से पहले उन्हें शरीर के छोटे से हिस्से पर प्रयोग में लाना चाहिए तथा अगर त्वचा पर जलन झन-झनाहट, सिहरन महसूस हो तो ऐसे परफ्यूम का उपयोग तत्काल बन्द कर देना चाहिए। कुछ लोग टैल्कम पाउडर काफी उपयोग करते है। हालांकि हाइजीन की दृष्टि से टैल्कम पाउडर ज्यादा उपयोगी नहीं माने जाते है लेकिन वह पसीने को तत्काल सोख लेते है शरीर में ताजगी का अहसास दिलाते है। गुलाब, चन्दन तथा खस प्राकृतिक कूलन्ट माने जाते हैं इसलिए इनके घटकों से बने पाउडर या डीयोडरैन्ट गर्मियों में ज्यादा उपयोगी माने जाते है। बाजार में बिकने वालें ज्यादा परफ्यूम रसायनिक पदार्थो के मिश्रण से बने होते है। इनमें सुगन्धित तेलों को सिन्थेटिक सामग्री से मिश्रित किया जाता है तथा उन्हें विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त की गई खुशबू से बनाया जाता है।
सही परफ्यूम का चयन करती बार कुछ चीजों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। जिसमें शारीरिक केमिस्ट्री सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि व्यक्तित्व पसन्द/ नापसन्द काफी अहम भूमिका अदा करती है। इसलिए परफ्यूम को अपनी त्वचा पर परीक्षण के बाद ही प्रयोग में लाना चाहिए। परफ्यूम की सही खुशबू का अन्दाजा त्वचा के सम्पर्क में आने से ही महसूस किया जा सकता है। परफ्यूम को सूंघने से कतई फायदा नही होता बल्कि ज्यादा परफ्यूम सूंघने से आपके सूंघने की प्रणाली गडबड़ा जाएगी।
मौसम या वातावरण सही परफ्यूम चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। आर्द्रता भरें गर्म वातावरण में हल्के तथा ताजा खुशबू वाले परफ्यूम बेहतर परिणाम देते है क्येांकि इस मौसम में परफ्यूम का प्रभाव प्रचण्ड हो जाता है। तेज खुशबू वाले परफ्यूम आपको असहज कर सकते है तथा कई बार सरदर्द का कारण भी बन जाते है। ठण्डे तथा शुष्क वातावरण में तेज खुशबू वाले परफ्यूम प्रभावकारी साबित होते है। गर्मियों के मौसम में गुलाब, चन्दन, लैवंडर तथा लेमन खुशबू वाले परफ्यूम हल्कें तथा ताजगी भरे महसूस होते है। परफ्यूम के चयन में वक्त भी महत्वपूर्ण माना जाता है। दिन के समय में हल्के परफ्यूम उपयोग में लाने चाहिए।
(लेखिका अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन के नाम से लोकप्रिय है।)