कार में सफर करते वक्त उल्टी आना, जिसे "मोशन सिकनेस" कहा जाता है एक सामान्य समस्या है। यह तब होता है जब आपका मस्तिष्क, आंखें, और आंतरिक कान एक साथ समन्वय नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिसे अपनाकर आप मोशन सिकनेस को नियंत्रित कर सकते हैं और सफर को आरामदायक बना सकते हैं।
मोशन सिकनेस क्यों होती है
- जब आप कार में सफर करते हैं, तो आपका शरीर गति का अनुभव करता है, लेकिन आपकी आंखें (यदि आप एक किताब पढ़ रहे हैं या फोन देख रहे हैं) स्थिर दृश्य को देख रही होती हैं। यह आपके मस्तिष्क में भ्रम पैदा करता है, जिससे उल्टी या चक्कर आने की स्थिति हो सकती है। आपके आंतरिक कान में एक संतुलन प्रणाली होती है, जो आपके मस्तिष्क को बताती है कि आप स्थिर हैं या चल रहे हैं। यदि यह प्रणाली और आपकी आंखों के संकेत मेल नहीं खाते, तो इससे मोशन सिकनेस हो सकती है।
दिमाग की प्रतिक्रिया
जब मस्तिष्क इन विरोधाभासी संकेतों को प्राप्त करता है, तो यह सोचता है कि शरीर को किसी प्रकार का जहर या विष मिला है। इसलिए, मस्तिष्क उल्टी कराता है ताकि किसी संभावित जहर को शरीर से बाहर निकाला जा सके।
मोशन सिकनेस का समाधान
- कार की खिड़की से बाहर देखें और दूर के किसी स्थिर बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें। यह आपके मस्तिष्क को संकेत देगा कि आप स्थिर हैं, जिससे उल्टी की संभावना कम हो जाती है।
- कार में ताजी हवा का प्रवाह बनाए रखें। खिड़कियां थोड़ी खोल लें या एसी का इस्तेमाल करें, जिससे ठंडी हवा मिल सके। यह भी एक अच्छा उपाय है।
- कुछ लोग संगीत सुनकर या बातचीत करके ध्यान भटकाकर मोशन सिकनेस से बच सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि पढ़ने या स्क्रीन पर देखने से उल्टी की संभावना बढ़ सकती है।
- सफर से पहले हल्का और कम तैलीय भोजन करें। सफर के दौरान भारी या तला हुआ खाना खाने से बचें, क्योंकि इससे पेट में भारीपन हो सकता है और मोशन सिकनेस बढ़ सकती है।
- अदरक या नींबू के सेवन से मोशन सिकनेस में राहत मिल सकती है। अदरक की चाय, अदरक की गोलियां, या नींबू के पानी का सेवन कर सकते हैं।
- यदि मोशन सिकनेस की समस्या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर एंटी-मोशन सिकनेस दवाइयों का सेवन कर सकते हैं। ये दवाइयाँ सफर से पहले ली जा सकती हैं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
कोशिश करें कि कार में आगे की सीट पर बैठें। पीछे की सीट पर बैठने से मोशन सिकनेस की संभावना बढ़ जाती है। यदि आप ड्राइव कर रहे हैं, तो ध्यान बंटाने की संभावना कम हो जाती है, जिससे मोशन सिकनेस कम होती है। यदि सफर लंबा हो, तो बीच-बीच में रुककर आराम करें। थोड़ी देर चलकर या खुली हवा में सांस लेकर आप बेहतर महसूस करेंगे।