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भोजन से निकला बाल देता है पितृदोष का संकेत, ऐसा होने पर करें ये उपाय

  • Edited By neetu,
  • Updated: 04 Sep, 2020 12:33 PM
भोजन से निकला बाल देता है पितृदोष का संकेत, ऐसा होने पर करें ये उपाय

2 सिंतबर से पितृपक्ष के दिन शुरू हो गए है। इन दिनों में खासतौर पर हिंदू धर्म के लोग अपने पूर्वजों को मनाने व उनकी आत्मा की शांति के लिए घर पर पंडितों को बुला कर भोजन करवाते हैं। उनकी आत्मा की शांति के लिए गरीबों व जरूरतमंदों को उनके नाम से दान देते हैं। ऐसे में पूर्वज भी उनसे खुश होकर उन्हें आशीर्वाद देते हैैं। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिन घरों पर श्राद्ध व तर्पण नहीं किया जाता है, उन लोगों को जीवन में कष्ट व दुख भोगने पड़ते हैं। ऐसे में पितरों की आत्मा को शांति न मिलने से वे नाराज होकर अपने परिवार के घर पर भटकते हैं। उनके जी वन में नकारात्मकता फैलाते हैं। इसलिए पितरों का श्राद्ध करना बेहद जरूरी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों के नाराज होने पर घर व परिवार को कुछ संकेत मिलते हैं। तो चलिए जानते हैं उन संकेतों के बारे में...

भोजन में बाल आना

अक्सर कुछ लोगों को खाने में बाल आने की परेशानी का सामना करना पड़ता है। बहुत बार तो यह बाल आया कहां से इस बात का पता नहीं चलता है। साथ ही यह घर के किसी एक सदस्य की प्लेट में से ही निकलता है। ऐसे में इस बात को अनदेखा करने की जगह इस पर सोचने की जरूरत होती है। इसके पीेछे के सीधा कारण पितृदोष कहलाता है। ऐसे में व्यक्ति को जीवन में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए किसी पंडित के पास जाकर पितृदोष को दूर करने के लिए उपाय करवाना चाहिए।

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सपने में बार-बार पितरों को देखना या बात करना

लोगों को अक्सर सपनों में पितरों के दर्शन होते हैं। यह सिर्फ एक संयोग मात्र नहीं बल्कि पितरों की इच्छा होती है। माना जाता है कि इसतरह घर के किसी एक व्यक्ति के सपने में पितरों के आने का मतलब उनकी कोई अधूरी इच्छा होती है। वे उस इच्छा को पूरा करने के लिए इस तरह बार-बार सपने में आते हैं। इसके लिए जिस सदस्य को सपने आते हैं उसे अपने पूर्वज की कोई मनपसंद चीज को दान में देना चाहिए। इससे पूर्वजों की इच्छा पूरी हो उनकी आत्मा को शांति मिलती है। 

घर से गंदी व अजीब सी बदबू आना

आपने बहुत से लोगों को कहते सुना होगा कि उनको घर से गंदी व अजीब सी बदबू आती है। साथ ही उस दुर्गंध के आने का कारण भी जल्दी पता नहीं चल पाता है। बहुत से लोगों को उस बदबू की इत नी आदत भी पड़ जाती है कि थोड़े समय बाद उन्हें वह बदबू महसूस भी नहीं होती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, ऐसा होने के पीछे का कारण पितरों की नाराजगी माना जाता है। इसलिए इस बात को अनदेखा करने की जगह पंडित से इसका उपाय करवा लेना चाहिए। नहीं तो घर- परिवार को किसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

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संतान से जुड़ी परेशानी

बहुत से दम्पत्ति ऐसे होते हैं, जो शाादी के कई साल बाद भी संतान का सुख नहीं भोग पाते हैं। इसके पीछे का कारण पितृदोष हो सकता है। माना जा सकता है कि किसी कारण पूर्वज या पितर आपसे नाराज हो सकते है। इसलिए जीते जी घर के बड़े- बुजुर्गों को हमेशा सम्मान के साथ रखना चाहिए। उनका अच्छे से ध्यान रख सुख- दुख के पलों में साथ देना चाहिए। ताकि मरने के बाद भी वे आपसे खुश रहें। साथ ही उनके मरने के बाद उनके नाम से पंडितों को भोजन करवाकर कुछ दान व दक्षिणा स्वरूप दें। 

मांगलिक कार्यों में बाधा आना

अक्सर घर में कोई शुभ काम होते-होते बिगड़ जाता है। अचानक से खुशी से भरा माहौल दुख में बदल जाता है। ऐसे ही सभी मांगलिक व शुभ कार्यों में रूकावटें आने लगती है। इसकेे पीछे का कारण पितरों की नाराजगी की ओर संकेत करता है। इससे बचने या उस दोष को दूर करने के लिए घर पर पंडितों को बुलाकर पूरी श्रद्धा से उन्हें भोजन बनाकर खिलाना चाहिए। साथ ही भेंट स्वरूप दक्षिणा, कपड़े, अन्न आदि देने चाहिए। इससे पितर अपना गुस्सा भूल खुश होते है। साथ ही अपने परिवार वालों को अपना आशीर्वाद देते हैं। 

शादी में रूकावटें आना

अगर घर के किसी सदस्य के विवाह में बाधा या देरी हो रही है तो इसके पीछे का कारण भी पितृदोष कहलाता है। ऐसे मे रिश्ता न होना या होकर टूट जाना आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बहुत बार पितरों की नाराजगी के कारण घर का माहौल खराब व नकारात्मक होने से बसा-बसा रिश्ते के टूटने की परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितर पूजन जरूर करवाना चाहिेए। साथ ही उनसे अपनी गलतियों की मांफी मांगनी चाहिए।

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