साइनस इंफेक्शन नाक से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जो एलर्जी, बैक्टीरियल इंफेक्शन या कोल्ड की वजह से होती है। ये परेशानी ज्यादातर गर्मी में ठंडी चीजें खाने पर होती है। इस इंफेक्शन की वजह से सीने में बलगम जमने लगती है, जिससे सिर में भयंकर दर्द रहता है। वहीं इसकी वजह से जबड़े और आंखों के आसपास वाली जगहों में भी दर्द रहता है। बेहतर होगा कि आप इस इंफेक्शन को हल्के में ना लें क्योंकि अगर समय रहता इसका इलाज नहीं किया जाए तो इसकी वजह से अस्थमा और दमा जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। आइए आपको बताते हैं इसके लक्षण और आयुर्वेदिक नुस्खे जिससे आपको इस इंफेक्शन से जल्द राहत मिलेगी...
साइनस के लक्षण
- सिर में दर्द रहना
- बुखार रहना
-नाक से कफ निकलना और बहना
-खांसी या कफ जमना
-दांत में दर्द रहना
-नाक से सफेद हरा या फिर पीला कफ निकलना
-चेहरे पर सूजन आ जाना
- कोई गंध न आना
- साइनस की जगह दबाने पर दर्द होना
साइनस के कारण
- बैक्टीरिया
- फंगल संक्रमण
-नाक की हड्डी का टेढ़ा होना
साइनस में ये घरेलू इलाज आएंगे काम
अदरक
साइनस की समस्या को दूर करने में अदरक काफी मददगार है। अदरक में दर्द निवारक, वायुनाशी, पाचक और स्लाइवा स्त्राव को बढ़ाने वाले कई गुण होते हैं। इसके अलावा अदरक कफ को भी खत्म करता है।
ऐसे करें अदरक का सेवन
एक गिलास पानी में अदरक के 2-3 स्लाइस उबाल लें। इस पानी को छानकर पी लें। आपको काफी आराम मिलेगा
तुलसी
आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर तुलसी गाढ़े बलगम को निकालने, कफ निस्सारक और रोगाणुरोधक गुण है। तुलसी शरीर से कफ को निकालकर अस्थमा, एलर्जिक और साइनस की बीमारी को ठीक करता है। श्वसन मार्ग से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए तुलसी का उपयोग लाभकारी होता है।
ऐसे करें तुलसी का इस्तेमाल
एक गिलास पानी में तुलसी के पत्ते, काली मिर्च, अदरक और मिश्री डालें। इसे अच्छी तरह से उबलने दें। इसके बाद इसे छानकर पी लें। साइनस के रोगियों को काफी राहत मिलेगी।
पिप्पली
पिप्पली में बुखार, सर्दी-जुकाम और दर्द को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं। पिप्पली गले, फेफड़ों से बलगम को निकालने में मददगार होता है।
ऐसे करें पिप्पली का इस्तेमाल
साइनस से रहात के लिए पिप्पली का सेवन चूर्ण के रूप में किया जाता है। इसके लिए पिप्पली का चूर्ण लें, उसका गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।
घी
घी सेहत को लिए तो अच्छा है गी, साथ में नासिका मार्ग में आ रही रुकावटों को भी दूर करता है। इसके साथ ही ये एलर्जी से भी लोगों को बचाता है। साइनस के लक्षणों को कम करने के लिए घी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
काली मिर्च
काली मिर्च की तासीर गर्म होती है तो कफ संबंधित परेशानियों से राहत दिलवाने में मददगार है। साथ ही काली मिर्च में एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जो इंफेक्शन से बचाने में मददगार हैं। काली मिर्च के सेवन से गले में जमा कफ आसानी से निकल जाती है।
ऐसे करें काली मिर्च का सेवन
इसके लिए आप एक सूप में काली मिर्च का पाउडर मिला सकते हैं। आप चाहें तो काली मिर्च को अपनी चाय में भी मिला सकते हैं। काली मिर्च साइनस की सूजन को भी कम करता है, बलगम को सूखा देता है।
अगर आप भी साइनस के रोगी तो इन आयुर्वेदिक उपयों का आजमा कर साइनस की समस्या को बढ़ने से रोक सकते हैं।