आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही है। आज की नारी ना तो अबला है ना ही कमजोर है। हमारे देश में कई महिलाएं अपने संघर्षों को पीछे छोड़कर सफलता की ओर बढ़ती है। आज हम आपको ऐसी ही एक महिला के बारे में बताएंगे। बिहार के गया जिले की पहली महिला इलेक्ट्रीशियन सीता देवी ने सभी चुनौतियों को हराकर आगे बढ़ने का फैसला लिया। तो चलिए जानते हैं उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी के बारे में....
जानें कैसे सीता देवी बनी इलेक्ट्रिशियन
बिहार के गया जिले की रहने वाली सीता देवी की बिजली के उपकरण बनाने की दुकान है। वह इलेक्ट्रिक स्विच से लेकर पंखे और हर तरह के बिजली के खराब उपकरणों को रिपेयर करती है। वह लगभग 14 साल पहले एक सामान्य गृहणी थी। उनकी शादी बिहार के जितेंद्र मिस्त्र से हुई थी। सीता देवी के पति के बीमार होने का कारण उनके घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई थी। उनके पति ने खुद उन्हें इलेक्ट्रॉनिक आइटम को सही करना सिखाया और धीरे-धीरे सीता देवी ने कई सारे उपकरणों को सही करना सीख लिया। इसके बाद से उनकी दुकान में खराब उपकरणों को ठीक करवाने के लिए ग्राहक आया करते थे। पति की मदद करने से सीमा देवी इस काम में माहिर हो गई।
परिवार की जिम्मेदारियों को साथ में संभाला
आपको बता दें कि सीता देवी बिहार के गया जिले की पहली महिला इलेक्ट्रिशियन हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सही ना होने के कारण उन्हें यह कार्य करना पड़ा और कुछ समय बाद वह इसमें माहिर भी हो गई। आपको बता दें कि इलेक्ट्रिशियन सीता देवी अपने क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध भी हैं। जब सीता देवी ने यह काम करना शुरु किया था तब उनका छोटा बेटा एक साल का भी नहीं था। इस कारण से उन्हें बेटे को अपने साथ दुकान लेकर जाना पड़ता था। उनके कई रिश्तेदारों को ये बात पसंद नहीं थी। कई लोग उन्हें ताने भी मारते थे कि वो लड़कों वाले काम करती है। लेकिन उन्होनें सभी बातों को अनसुना किया और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सभी चुनौतियों को पूरा किया। इस तरह से उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारियों को संभालते हुए परिवार की आर्थिक स्थिति को भी सुधारा। सीता देवी के बच्चे भी कभी-कभी उनके साथ दुकान पर आते हैं और उनकी मदद करते हैं। सीता देवी की इस इंस्पिरेशनल स्टोरी देश की दूसरी महिलाओं को बहुत प्रेरित करती है।