कई बार किसी एक्सीडेंट या ऑपरेशन में ज्यादा ब्लड निकल जाने पर या फिर गर्भपात आदि किसी समस्या के कारण ब्लड की जरूरत पड़ती है। जिसे स्वस्थ लोगों से ही लिया जा सकता है लेकिन कुछ लोगों के मन ब्लड डोनेट करने को लेकर इतनी गलतफहमियां होती है कि वह ब्लड डोनेट करने से साफ ही मना कर देते हैं। उनका मानना है कि ब्लड डोनेट करने से उसे चक्कर आने या बेहोशी और कमजोरी की समस्या हो जाएगी लेकिन उनका यह सोचना बिल्कुल गलत है बल्कि ब्लड डोनेशन से अपनी सेहत को भी फायदा मिलता है। आइए जानिए ब्लड डोनेट करने से पहले और बाद में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन लोगों को ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए?
1. शरीर में रक्त का कार्य
शरीर के अस्थिमज्जा, लीवर और तिल्ली में ब्लड बनता है। इसी के जरिए सारे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचते हैं। शरीर में जो तापमान होता है, वह रक्त प्रवाह के कारण उत्पन्न होने वाली गर्मी का ही परिणाम है। स्वस्थ शरीर में 4 से 5 लीटर ब्लड होना चाहिए। एक बार ब्लड डोनेशन में 250 से 350 मि.ली. ब्लड लिया जाता है।
2. ब्लड डोनेट करने योग्य लोग
जिन लोगों की उम्र 18 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम हो वहीं ब्लड डोनेट कर सकते हैं। जो लोग मधुमेह या सिजोफ्रेनिया से पीड़ित हों या जिनका वजन तेजी से गिर रहा हो और कोई सर्जरी हुई हो उन्हें ब्लड डोनेट करने से बचना चाहिए। ब्लड डोनेशन करने वाले का हीमोग्लोबिन 5 प्रतिशत से ज्यादा और वजन कम से कम 45 किलोग्राम होना चाहिए।
3. ब्लड डोनेट करने से पहले इन बातों का रखें ख्याल
अगर आप कोई दवा ले रहे हैं तो ब्लड डोनेट करने से पहले इसकी जानकारी जरुर दें। ब्लड डोनेट करने से पहले हल्का खाना और एक दिन पहले खूब पानी पीना चाहिए। इस बात का खास ख्याल रखें कि क्या आपके लिए नई डिस्पोजेबल सुई और नई किट का इस्तेमाल किया जा रहा है या नहीं।
4. ब्लड डोनेट करने के बाद इन बातों रखें ख्याल
ब्लड डोनेशन करने के तुरंत बाद तेज धूप में जाने से बचें और भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहें।
खून दान करने के बाद 2-3 घंटे कार ड्राइविंग, बाइक या अन्य कोई जोखिम वाला काम नहीं करना चाहिए |
लंबे समय तक खड़े नही रहना चाहिए बल्कि कम से कम आधा घंटा आराम करना चाहिए।
ब्लड डोनेशन के बाद धूम्रपान, तंबाकू या अन्य किसी भी प्रकार की नशीली चीज का सेवन नहीं करना चाहिए।
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