रेप अपने आप में ही ऐसा शब्द है जिसे सुन हर किसी की रुह ही कांप उठती है। भारत में आए दिन इससे जुड़े केस सुनने को मिलते रहते हैं। एक रेप पीड़िता की क्या हालत होती है यह बात शायद हम में से कोई समझ भी न पाए लेकिन जब उस पीड़िता को इंसाफ मिलता है तो उसे क्या खुशी होती होगी यह शब्दों में बयान करना भी मुश्किल ही है। कुछ ऐसा ही बिलकिस बानो के साथ हुआ है। बिलकिस बानो ने गैंगरेप और परिवार के सात लोगों की हत्या के दोषियों को दी गई छूट खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खुशी जताई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, बिलकिस बानो के 11 दोषी जल्द ही फिर से सलाओं के पीछे होंगे। इस अवसर पर बिलकिस बानो ने खुशी जताते हुए कहा - 'आज सचमुच मेरे लिए नया साल है।'
'मैंने खुशी के आंसू रोए हैं'
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट्स की मानें तो बिलकिस बानो ने अपनी वकील शोभा गुप्ता के हवाले से कहा कि - 'मैंने खुशी के आंसू रोए हैं, मैं डेढ़ साल से ज्यादा समय में पहली बार मुस्कुराई हूं। मैंने अपने बच्चों को गले लगाया है ऐसा लगता है कि जैसे पहाड़ के जितना बड़ा पत्थर मेरे सीने से हट गया है और मैं फिर से सांस ले सकती हूं। न्याय ऐसा ही होता है मुझे मेरे बच्चों और हर जगह की महिलाओं को सभी के लिए समान न्याय के वादे में यह समर्थन और आशा देने के लिए मैं भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय को धन्यवाद देती हूं।'
गुजरात सरकार ने किया अपनी शक्ति का दुरुपयोग
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिलकिस बानो के 11 दोषियों को दी गई छूट को रद्द कर दिया। दोषियों ने 2002 में गुजरात दंगों के दौरान वारदात को अंजाम दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात सरकार ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है। शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि 11 दोषियों को दो हफ्ते के अंदर वापिस जेल भेज दिया जाए। अपनी टिप्पणी में बिलकिस बानो ने यह भी कहा कि उनकी जैसी यात्राएं कभी भी अकेले नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा -'मेरे साथ मेरे पति और मेरे बच्चे हैं मेरे पास ऐसे दोस्त हैं जिन्होंने नफरत के समय भी मुझे बहुत प्यार दिया और हर मुश्किल मोड़ पर मेरा हाथ थामा।' बिलकिस बानो ने कहा कि - 'मेरे पास एक असाधारण सी वकील एडवोकेट शोभा गुप्ता हैं जो 20 से ज्यादा सालों तक मेरे साथ अटूट रुप से चली और जिन्होंने मुझे न्याय के बारे में कभी भी उम्मीद नहीं खोने दी।'
एक समय पर टूट गई थी बिलकिस बानो
उन्होंने आगे कहा कि - 'डेढ़ साल पहले 15 अगस्त 2022 को जब उनके दोषियों को जल्द रिहाई दी गई तो वह बिखर गई थी।' बानो ने कहा कि उन्हें लगा था कि उनके अंदर साहस खत्म हो चुका है जब तक कि लाखों लोग उनके लिए एकजुट नहीं हो गए। उन्होंने कहा कि - 'देश में हजारों लोग और महिलाएं आगे आई और मेरे साथ खड़ी रही मेरे लिए बात की ओर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।'
बिलकिस बानो ने किया सबका धन्यवाद
उन्होंने कहा कि हर जगह से 6,000 लोगों और मुंबई से 8,500 लोगों ने अर्जियां लिखी। 10,000 लोगों ने एक खुला पत्र लिखा था, साथ ही कर्नाटक के 29 जिलों के 40,000 लोगों ने भी लिखा। इनमें से हर व्यक्ति को आपकी बहुमूल्य एकजुटता और शक्ति के लिए मेरा आभार। आपने मुझे न सिर्फ मेरे लिए बल्कि भारत की हर महिला के लिए न्याय के विचार को बचाने के लिए संघर्ष करने की इच्छाशक्ति दी। बिलकिस बानो ने कहा कि - 'मैं आपको धन्यवाद देती हूं। भले ही वह अपने और अपने बच्चों के जीवन के लिए इस फैसले का पूरा अर्थ समझती हैं आज दिल से जो दुआ निकलती है वह सरल है कि कानून का शासन सबसे ऊपर और कानून के सामने सभी के लिए समानता रहे।'