भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और पटौदी रियासत के 9वें नवाब मंसूर अली उर्फ टाइगर खानदानी रईस थे। नवाब मंसूर अली खान को महारत हासिल थी। क्रिकेट के अलावा वह ऑक्सफोर्ड की तरफ से हॉकी और बिलियर्ड्स भी खेल चुके थे। इसके साथ ही वह पटौदी फुटबॉल खेलने में भी माहिर थे। हाल ही में उनकी बेटी सोहा अली ने उनसे जुड़ा एक ऐसा किस्सा सुनाया है, जिसे सुन एक बार फिर नवाब की यादें ताजा हो गई।
सोहा ने अपने पिता को याद करते हुए कहा- "हमें बचपन से ही सभी सुख मिले हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम भाई- बहन बिगड़े हैं। मारे माता-पिता ने हमें मूल्यों और सिद्धांतों के साथ पाला। मेरे पिता हमें किसी चीज़ के लिए मना करने से बिल्कुल हिचकिचाते नहीं थे।"उदाहरण के लिए सोहा ने एक पुराना किस्सा सुनाते हुए बताया-जब मैंने किसी दोस्त के घर जाना होता था तो वह कहते थे- 'नहीं, पेट्रोल बहुत महंगा हो गया है और कार पहले ही एक बार बाहर जा चुकी है'।
सोहा बताती हैं कि -"उनके पिता ने उन्हें यह भी सिखाया है कि कमरे से बाहर निकलते समय लाइट बंद कर देना चाहिए। इसलिए, मुझे लगता है कि सभी को पैसाें के मूल्य के बारे में पता होना चाहिए। बेशक ये आपके पास है और अन्य लोगों के पास नहीं है। आपके पास जो चीजें हैं उनके लिए आभारी होना चाहिए"। बता दें कि 22 सितंबर, 2011 को 70 साल की उम्र में फेफड़ों के संक्रमण से जूझने के बाद मंसूर अली खान का निधन हो गया था।
मंसूर अली खान पटौदी ने 1966 में शर्मिला टैगोर से शादी की। उनके तीन बच्चे हैं - सैफ अली खान, सबा अली खान और सोहा अली खान। सैफ और सोहा ने जहां अपनी मम्मी का प्रोफेशन अपनाया और दोनों एक्टर बन गए वहीं सबा ज्वैलरी डिजाइनिंग करती हैं और भोपाल में अपनी फैमिली प्रॉपर्टी की देखभाल करती हैं। सबा और सोहा अकसर किसी ना किसी बहाने अपने पिता को याद करती रहती है।