नारी डेस्क: जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का प्रमुख पर्व है। इस पावन अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में तुलसी की पत्तियों का विशेष महत्व है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जन्माष्टमी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना चाहिए या नहीं? इस लेख में हम बताएंगे कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन तुलसी के पत्तों को लेकर क्या नियम हैं और इस परंपरा का पालन कैसे करें।
जन्माष्टमी की तारीख और महत्व
इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी। श्रीकृष्ण को भगवान श्रीहरि विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। उनके जन्मदिन के अवसर पर विशेष पूजा और आयोजन किए जाते हैं।
तुलसी की पूजा का महत्व
भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी की पत्तियां अति महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इसी प्रकार, श्रीकृष्ण को भी तुलसी बहुत प्रिय हैं। उनकी पूजा और भोग में तुलसी पत्तियों का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। तुलसी को धार्मिक मान्यता के अनुसार बहुत ही पवित्र माना जाता है, और इसका उपयोग पूजा में फलदायी होता है।
जन्माष्टमी पर तुलसी पत्तियां न तोड़े
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जन्माष्टमी के दिन तुलसी की पत्तियां तोड़ने की सख्त मनाही है। इसे लेकर कई धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इस पावन दिन पर तुलसी के पत्तों को तोड़ना अशुभ माना जाता है।
उपाय और सावधानियाँ
जन्माष्टमी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें, लेकिन पत्तियां न तोड़ें। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है, और इस अवसर पर धार्मिक परंपराओं का पालन करना आवश्यक है।
जन्माष्टमी पर तुलसी के पत्ते तोड़ने से संबंधित धार्मिक मान्यता को समझते हुए, हमें इस दिन पत्तियों को सुरक्षित छोड़कर पूजा की अन्य रस्मों पर ध्यान देना चाहिए। इससे हमें धार्मिक नियमों का पालन करने और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।