आजादी के इतने सालों बाद जाकर आज आजाद भारत में कुछ ऐसा होने जा रहा है जिसके बारे में आप भी सुन कर हैरान रह जाएंगे। दरअसल आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी होने जा रही है। महिला कैदी को फांसी देने के लिए सारी तैयारियां चल रही हैं हालांकि अभी तक फांसी की तारीख तय नहीं हुई है। आपको बता दें कि आजादी के बाद यह पहली बार है कि किसी महिला को फांसी की सजा हो रही है। अब आपको बताते हैं कि आखिर इस महिला ने ऐसा क्या किया इसे फांसी की सजा हो रही है।
महिला का नाम है शबनम
दरअसल यह महिला अमरोहा की रहने वाली है और इसका नाम शबनम है। शबनम ने साल 2008 में अपने प्रेमी के साथ मिल कर अपने ही घरवालों को बेरहमी से मार दिया था और उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। घटना की वो काली रात लोगों को आज भी याद है। आपको बता दें कि अभी शबनम मथुरा जेल में बंद है और उनकी याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है जिसके बाद मथुरा स्थित यूपी के इकलौते महिला फांसीघर में शबनम को मौत की सजा दी जाएगी।
क्या हुआ था 2008 की रात को?
खबरों की मानें तो 2008 में 15 अप्रैल को गांव में चीखने की आवाजें आती हैं जिसके बाद आस-पास वाले लोग इकट्ठा हो जाते हैं। इकट्ठे हुए लोग देखते हैं कि जमीन पर परिवार के 7 परिजन खून से लथपथ पड़े हैं। उस समय शबनम ने लोगों को यह बताया कि लुटेरों ने उनके परिवार को मारा। हालांकि उस समय पुलिस को शबनम की इन बातों पर यकीन नहीं हुआ। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच की।
यह थी पूरी कहानी जिसे छिपा रही थी शबनम
पुलिस की मानें तो 25 साल की शबनम ने ही उस रात अपने प्रेमी के साथ मिलकर इस रूह कंबा देने वाली घटना को अंजाम दिया था। यह सारा मामला प्रेम प्रसंग था। पोस्ट ग्रेजुएट शबनम को सलीम नाम के लड़के से प्यार हो गया था जो पांचवी पास था। हालांकि घरवालों को शबनम का यह रिश्ता मंजूर नहीं था। ऐसे में दोनों ने मिल कर इस घटना को अंजाम दिया।
कुल्हाड़ी से मार दिया अपनी ही परिवार
घटना को अंजाम देने के लिए शबनम ने खाने में कुछ मिलाया और नींद में सोए अपने ही परिवार को एक-एक कर के कुल्हाड़ी से मार दिया। पुलिस ने जब शबनम और सलीम की कॉल डिटेल्स निकाली तो दोनों की आपस में बात होने की भी पुष्टि हुई।
एक बेटे की मां है शबनम
आपको बता दें कि शबनम एक बेटे की मां है। शबनम ने बिना शादी के ही बेटे को जन्म दिया। लेकिन 2015 में फांसी की सजा सुनाए जाने के शबनम ने इस बच्चे को अपने दोस्त और उसकी पत्नी को सौंप दिया था। आपको बता दें कि अभी शबनम का बेटा 11 साल का है।
आज तक नहीं हुई किसी महिला को फांसी
बता दें कि आजाद भारत में यह पहली बार है जब किसी महिला को फांसी की सजा होगी। इसके लिए सारी तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं लेकिन फिलहाल अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है। इसके लिए बिहार के बक्सर से फांसी के लिए रस्सी मंगवाई जा रही है। बता दें कि मथुरा जेल ही देश का एक मात्र ऐसा जेल हैं जहां महिला को फांसी दी जा सकती है. मथुरा जेल में 150 साल पहले फांसी घर बनाया गया था।