सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर के दरबार दो महीने तक चलने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए खोल दिए गए हैं। निवर्तमान पुजारी वी के जयराज पोट्टी ने मुख्य पुजारी (तंत्री) कंडारू महेश मोहनरारू की उपस्थिति में मंदिर के गर्भगृह को खोला गया। मंदिर में आज से ही तीर्थयात्रियों को आने की अनुमति दे दी गई है।
अनुष्ठान पूजा के बाद, नए पुजारियों - सबरीमाला के लिए एन परमेश्वरन नंबूदरी और मलिकप्पुरम देवी मंदिर के लिए शभु नंबूदरी - ने कार्यभार संभाला। भारी बारिश के कारण पहाड़ी पर स्थित मंदिर में अगले तीन या चार दिनों तक तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित करने का फैसला किया है।
पम्पा नदी में अनुष्ठानिक स्नान की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि इसमें जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। कुछ समय के लिए स्पॉट-बुकिंग बंद कर दी जाएगी और आनलाइन कतार प्रणाली के माध्यम से बुक करने वालों की तारीख बदल कर तीर्थयात्रियों के प्रवाह को नियंत्रित करने पर विचार किया जाएगा।
लगातार बारिश के कारण मंदिर और आस-पास के इलाकों की कुछ सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जिन सड़कों पर बाढ़ जैसी स्थिति बन गयी है वहां से यातायात को उन सड़कों से हटा दिया गया है। सरकार ने कोविड-19 महामारी की स्थिति पर विचार करने के बाद इस सत्र में प्रतिदिन केवल 30,000 भक्तों को ही दर्शन करने की अनुमति देने का फैसला किया है।
श्रद्धालुओं को इन नियमों का करना होगा पालन
-सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा
-कोविड टीकाकरण के दोनों खुराकों का प्रमाण पत्र दिखाना जरुरी
-72 घंटे की आरटी-पीसीआर की निगेटिव जांच प्रमाण पत्र मंदिर में जाने के लिए अनिवार्य
-भक्तों को मूल आधार कार्ड भी करना होगा प्रस्तुत
अधिकारी ने बताया कि 41 दिवसीय मंडला पूजा उत्सव का समापन 26 दिसंबर को होगा। मकरविलक्कु तीर्थयात्रा के लिए मंदिर 30 दिसंबर को फिर से खोला जाएगा। मकरविलक्कू 14 जनवरी 2022 को है और मंदिर 20 जनवरी 2022 को बंद कर दिया जाएगा। सबरीमाला तीर्थयात्रा के सुगम मौसम को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है।