बड़ों से लेकर बड़ों की 2 मिनट में बनने वाली मैगी एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, मैगी, नूडल्स, किटकैट और नेसकैफे जैसे 60% प्रोडक्ट्स सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है। ऐसा सरकार या किसी फूड डिपार्टमेंट का नहीं बल्कि ऐसे फूड प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी नेस्ले (Nestle) का कहना है। नेस्ले कंपनी ने खुद माना है कि उनके द्वारा बनाए जाने वाली कई प्रोडक्ट्स सेहत के लिए लिहाज से अच्छे नहीं है।
Nestle के 60% फूड प्रोडक्ट्स सेहत के लिए हानिकारक
नेस्ले ने एक इंटर्नल डॉक्युमेंट में माना है कि उसके 60% से ज्यादा फूड प्रॉडक्ट्स और ड्रिंक्स सेहत के लिए अच्छा नहीं है। इस बात का खुलासा सोमवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, नेस्ले के कुछ फूड्स प्रोडक्ट्स पोषण और स्वास्थ्य के तय मानकों पर खरे नहीं उतरे। यही नहीं, ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि इन प्रोडक्ट्स में कितना भी बदलाव किया जाए वो सेहत के लिए फायदेमंद नहीं हो सकते।
सिर्फ 37% उत्पादों की रेटिंग 3.5 से ज्यादा
रिपोर्ट के अनुसार, दवाइयों और जानवरों के लिए दिए जाने वाले फूड प्रोडक्ट्स को छोड़कर सिर्फ 37% उत्पाद ही 3.5 से ज्यादा रेटिंग प्राप्त कर सकें। जबकि कंपनी के 70% उत्पाद तय मानक पर खरे नहीं उतर पाए। इनमें से सिर्फ प्योर कॉफी को छोड़कर बाकी 96% पेय पदार्थ और आइसक्रीम भी शामिल हैं।
पोषण व स्वास्थ्य बढ़ाने पर काम कर रही कंपनी
हालांकि कंपनी का कहना है कि वो प्रोडक्ट्स में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने पर काम कर रही है। उन्होंने 2 दशक में कई प्रोडक्ट्स में सोडियम और शुगर की मात्रा 14 से 15% कम कर दी है। कंपनी का कहना है कि उन्होंने बच्चों के लिए न्यूट्रीशन बढ़ाने वाले कई उत्पाद बनाए हैं और वो भविष्य में भी इसपर काम कर रही हैं।
नेस्ले के सभी उत्पादों में नहीं होगा बदलाव
कंपनी का कहना है कि दवाइयों, जानवरों, गर्भवती महिलाओं व बच्चों के लिए बनाए जाने वाले प्रोडक्ट्स में सभी स्वास्थ्य मानकों का पालन किया जा रहा है। वह पहले अपने उत्पादों को टेस्टी के साथ हैल्दी बनाने पर भी काम कर रही हैं और करती रहेगी।
सेहत के लिए क्यों हानिकारक मैगी?
दरअसल, मैगी (Maggi) में लेड यानि सीसा की मात्रा अधिक होती है, जो सेहत के लिहाज से सही नहीं है। वहीं, 2015 में भी मैगी में लेड की मात्रा 17.2 PPM पाई गई थी जबकि इसकी मात्रा 0.01 से 2.5 PPM तक होनी चाहिए।
ज्यादा लैड से हो सकते हैं ये नुकसान
बता दें कि शरीर में लेड की अधिक मात्रा मुंह, सिर या गर्दन में जलन, स्किन एलर्जी, हाथ-पैर में कमजोरी, सिरदर्द, पेट संबंधी दिक्कतें, किडनी फेल, बच्चे के विकास में रुकावट, नर्व डेमेज और अपच का कारण बन सकते हैं।