हिंदू धर्म के विशेष त्योहारों में से एक दीवाली है। दीवाली के कुछ दिनों बाद वहीं दीवाली से कुछ दिनों पहले ही धनतेरस मनाई जाती है। इस साल धनतेरस 10 नवंबर को मनाई जाएगी। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन बाजार में से नई धातुएं खरीदना शुभ मानी जाती हैं। इसलिए इस दिन बाजारों में भी सोने, चांदी, झाड़ू, बर्तन जैसी चीजों की खरीददारी भारी मात्रा में होती है। आप भी धनतेरस पर कई सारी चीजें खरीदते होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस वाले दिन बर्तन खरीदने के पीछे क्या कारण है। आइए आज आपको बताते हैं कि इस दिन बर्तन क्यों खरीदे जाते हैं.....
क्यों खरीदे जाते हैं धनतेरस वाले दिन बर्तन?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर समुद्र मंथन हो रहा था और इसी दौरान भगवान धन्वंतरि कलश लेकर समुद्र से प्रकट हुए थे। जब भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में पीतल का कलश था इसलिए इस दिन पीतल का बर्तन खरीदन शुभ माना जाता है।
इस दिन खरीदी गई चीजें हो जाती है 13 गुणा
मान्यताओं के अनुसार, यदि धनतेरस वाले दिन कोई भी वस्तु खरीद जाए तो वह 13 गुना बढ़ जाती है। इसलिए लोग इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, झाड़ू की खरीददारी करते है। यहां तक की लोग इस दिन चांदी के लक्ष्मी गणेश के सिक्के भी लाते हैं। ताकि घर में बरकत बनी रहे और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती रहे।
ये चीजें नहीं खरीदनी चाहिए
धनतेरस पर कुछ चीजें खरीदना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस दिन कुछ चीजों की खरीददारी करनी शुभ नहीं मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन स्टील और प्लास्टिक के बर्तन भूलकर भी नहीं खरीदने चाहिए। इसे खरीदना अशुभ माना जाता है। वहीं एल्युमीनियम को दुर्भाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा कोई भी धारदार चीज भी नहीं खरीदनी चाहिए। इससे घर की शांति भंग हो सकती है।