राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 118 प्रतिष्ठित शख्सियतों को पद्म पुरस्कार से नवाजा। इस लिस्ट में पंजाब की कार्यकर्ता प्रकाश कौर भी शामिल थी। बेसहारा बच्चियों को सहारा देने वाली बीबी प्रकाश कौर को जब इस पद से नवाजा गया तो पूरे पंजाब का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। जालंधर की सामाजिक कार्यकर्ता यूनीक होम में रह रही बेटियों का ध्यान रखने के अलावा उनकी शादियां भी खुद ही करवाती हैं।
63 साल की प्रकाश कौर को उनके माता-पिता ने त्याग दिया था। उनका मानना है कि बच्चियों से मां-बाप का मुंह फेरना और उन्हें छोड़ जाना उन्हें बहुत दुख पहुंचाता है। इसलिए वह सबसे निवेदन करती हैं कि बेटियों को यूं फेंको मत, उन्हे दे दो। वह खुद अपी बेटी की तरह इनका ध्यान रखेगी। बच्चियों के प्रति सामाजिक सेवा को और बढ़ावा देने के लिए उन्हे इस पुरस्कार से नवाजा गया।
कौर 'यूनिक होम' नाम की संस्था चला रही हैं, जिसमें 9 दिन से लेकर 20 साल तक की 80 बच्चियां हैं। अब तक 15 बच्चियों की शादी भी की जा चुकी है। वह बताती हैं कि बच्चे हर साल गर्मियों के दौरान किसी भी हिल स्टेशन पर 15 दिनों की छुट्टी पर जाते हैं। हर साल 24 अप्रैल को सभी बच्चों का जन्मदिन मनाया जाता है। उन्होंने 1993 में आठ अनाथ बच्चियों के साथ 'यूनिक होम' की शुरुआत की थी।
जालंधर में नारी निकेतन में अपने जीवन के कई साल बिताने के बाद प्रकाश कौर ने इसे छोड़ दिया और अपना घर शुरू किया। यूनिक होम गुरु गोबिंद सिंह के शिष्य भाई घनैया जी के नाम पर एक ट्रस्ट द्वारा चलाया जाता है। यहांमां-बाप द्वारा ठुकराई, सड़कों के किनारे एवं झाड़ियों में फेंकी गई लड़कियों को अपने पास रखा जाता है। उनके पालन पोषण से लेकर पढ़ाई तक की पूरी सेवा की जाती है।