चंडीगढ़ शहर पहले से ही अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, मॉल, पार्क आदि से मशहूर है। मगर अब इस शहर को एक नई पहचान मिल गई है। खबरों की माने तो अब इसे बर्ड पार्क के नाम से जाना जाएगा। बता दें, शहर में बर्ड पार्क बनकर तैयार हो गया है। बीते दिन देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की पत्नी सविता कोविन्द ने इस बर्ड पार्क का उद्घाटन किया है। अब यह खूबसूरत जगह आम जनता के लिए ओपन हो गई है। ऐसे में अगर भी नेचर व बर्ड लवर है तो इस पार्क में एक बार जरूर घूमने का प्लान करें। चलिए जानते हैं इस पार्क के बारे में सब कुछ...
बर्ड पार्क देखने की टिकट इतनी लगेगी
इस पार्क को देखने व घूमने के लिए आपको टिकट खरीदनी पड़ेगी। इन्हीं पैसों से पार्क का ऑपरेशन और मेंटेनेंस खर्च निकाला जाएगा। इसमें 5 साल तक के बच्चों की एंट्री फ्री है। वहीं 5 से 12 साल तक के बच्चों को टिकट के 30 और 12 से ऊपर के सभी लोगों को 50 रुपए खर्च करने होंगे।
बर्ड पार्क 20 प्रजातियों के 900 पक्षियों का आशियाना
यह पार्क करीब 6.5 एकड़ जमीन पर बनकर तैयार हुआ है। इसमें करीब 20 प्रजातियों के 900 पक्षी होंगे। आपको इस बाग में चीन का सवान, अमेरिका के लव बर्ड्स, ग्रीन विंग मकाओ, ब्लू गोल्ड मकाओ, रेनबो लॉरीकीट्स जैसे पक्षी देख सकते हैं।
चार एवियेरी
इसमें 4 एवियेरी है। इसमें एक्वेटिक बर्ड एवियेरी में आप पानी और जमीन पर रहने वाले बर्ड्स देख सकते हैं। इसके साथ ही एडवेंचर के लिए लकड़ी और शीशे के पुल भी बने हैं। वहीं दूसरी ओर टरेस्ट्रियल एवियेरी में अलग तरह के पक्षी आपको देखने को मिलेंगे। इसके अलावा दो छोटी एवियेरी और बनाएं गए है। इसमें आप छोटे आकार के पक्षी देख सकते हैं। पार्क में पक्षियों के घोंसले से लेकर रहने की सभी जरूरतों का खास ध्यान रखा गया है।
विदेशी बर्ड्स को पहले किया गया क्वारंटाइन
यहां पर आप अलग-अलग व दुर्लभ प्रजातियों के विदेशी पक्षी देख सकते हैं। इन पक्षियों को रजिस्टर्ड विदेशी सप्लायर्स से ही चंडीगढ़ मंगवाया गया। कोरोना को देखते हुए इन पक्षियों को सिटी फारेस्ट एरिया में क्वारंटाइन करने के बाद ही रखा गया।
अभी तक बने सभी एवियेरी या चिड़ियाखाना से अधिक है ऊंचाई
इस पार्क को बनाने में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये लगे हैं। इसमें 60 गुणा 40 मीटर के दो एरिया को बर्ड एवियेरी के लिए रखा गया है। इसके साथ ही वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि बर्ड पार्क में सभी पक्षियों को फ्री फ्लाई जोन मिलेगा। बता दें, एवियेरी की हाइट देश में अभी तक बने सभी एवियेरी से ज्यादा है। वहीं यह एक नेचुरल हेबिटेट वाला एवियेरी कहलाएगा।
स्मृति उपवन बना नगर वन
कैंबवाला सीवरेज के गंदे पानी से यहां पर मौजूद स्मृति उपवन सूखकर खराब हो गया था। इसके कारण यह जगह उजाड़ बन गई। जहां पहले हरे-भरे पेड़ दिखाई देते थे वे एक समय डरावने जंगल बन गए थे। मगर अब यहां पर चंडीगढ़ का सबसे बड़ा टूरिस्ट स्पाट बन गया है। यहां आपको शांति, सुख, स्वास्थ्य, नेचर, फारेस्ट सब एक साथ आसानी से मिल जाएगा।
सिटी फारेस्ट में पिकनिक मनाने और ओपन जिम की भी सुविधा
सिटी फारेस्ट में जंगल के बीच पिकनिक और ओपन जिम की भी सुविधा है। इसके अालाव इसमें बने चिल्ड्रंस पार्क में अलग-अलग तरह के झूले लगे हुए हैं। एक छोटा फाउंटेन भी बना हुआ है। सिटी फारेस्ट में सूखे पेड़ों के तने से बनी सीट आकर्षक का मुख्य केंद्र है।
अपनों की स्मृति में लगाए जाते थे पौधे
बता दें, स्मृति उपवन में लोग अपने करीबियों की स्मृति में पौधे लगाते थे। वहां लगाएं गए कई पौधे सुंदर पेड़ बन चुके थे। मगर, कैंबवाला से आने वाले सीवरेज के पानी कारण स्मृति उपवन पूरी तरह से खराब व उजड़ गया। मगर अब इस गंदे पानी को दूसरी जगह निकाल दिया गया है। ऐसे में सिटी फारेस्ट में सीवरेज के गंदे पानी को पराली द्वारा ट्रीट करने का उदाहरण पेश किया गया है। इसमें छोटी-छोटी वॉटर बाडी में मिट्टी के टीले बनाएं गए है, जिसकी मदद से पानी को साफ करने का काम किया गया है।