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प्रेमानंद महाराज ने तीर्थ यात्रा के महत्व पर दी खास सीख, जानिए पूरी बात

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 13 Jun, 2025 06:11 PM
प्रेमानंद महाराज ने तीर्थ यात्रा के महत्व पर दी खास सीख, जानिए पूरी बात

नारी डेस्क: यह पूरी सृष्टि भगवान की बनाई हुई है। मनुष्य जाति ईश्वर के प्रति अपना आभार प्रकट करने के लिए कई तरीके अपनाती है। कोई मंदिर जाकर भगवान की पूजा करता है। कोई हवन और यज्ञ के माध्यम से ईश्वर को प्रसन्न करता है। कुछ लोग गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करके भगवान की कृपा पाने की कोशिश करते हैं। वहीं कई लोग तीर्थ यात्रा पर जाकर भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति प्रकट करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन धार्मिक कर्मों से व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

प्रेमानंद महाराज का वायरल वीडियो

इसी बीच संत प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें वे तीर्थ यात्रा की महत्ता और उससे मिलने वाले लाभ के बारे में बता रहे हैं। हाल ही में प्रेमानंद महाराज के सत्संग में एक श्रद्धालु ने उनसे पूछा कि क्या हर व्यक्ति को तीर्थ यात्रा पर जाना चाहिए? इस पर प्रेमानंद महाराज ने बहुत सरल और गहरी बात समझाई। उन्होंने इसे मेहंदी के उदाहरण से समझाया।

मेहंदी से समझाया गूढ़ ज्ञान

प्रेमानंद महाराज ने कहा, "जैसे मेहंदी के पेड़ को अगर आप चीरेंगे तो उसमें लालिमा नहीं दिखाई देगी। क्योंकि पेड़ की प्रकृति ऐसी है। लेकिन जब उसी मेहंदी को पीसकर उसके पत्तों का उपयोग किया जाता है, तब उसकी खूबसूरत लालिमा सामने आती है।" ठीक उसी तरह तीर्थ स्थल भी आध्यात्मिकता के केंद्र होते हैं। अगर वहां जाकर श्रद्धा और नियमों का पालन किया जाए तो ही वहां की पवित्रता और दिव्यता का अनुभव होता है।

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तीर्थ यात्रा पर स्नान-ध्यान का महत्व

महाराज ने बताया कि जब आप तीर्थ यात्रा पर जाते हैं तो वहां नियमानुसार स्नान, ध्यान और पूजा करें। सही तरीके से स्नान करने से शरीर और आत्मा दोनों शुद्ध होते हैं। ध्यान से मन शांत और एकाग्र होता है। तब आपको वहाँ की दिव्य ऊर्जा और परमात्मा की शक्ति का साक्षात्कार होता है।

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तीर्थ यात्रा से पापों का नाश होता है

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, तीर्थ स्थानों पर जाकर व्यक्ति के जाने-अनजाने में हुए पाप भी मिट जाते हैं। इससे गृहस्थ जीवन में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। मन, मस्तिष्क और आत्मा शुद्ध होते हैं। जीवन में नई उमंग और शांति का अनुभव होता है।

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उपवास का भी है विशेष महत्व

महाराज ने यह भी बताया कि तीर्थ यात्रा के दौरान उपवास रखना भी लाभकारी होता है। यदि आप तीन दिन की तीर्थ यात्रा पर हैं तो पहले दिन केवल फलाहार करें। बाकी दो दिनों में सात्विक और हल्का भोजन करें। इससे आपका शरीर भी हल्का रहेगा और मन पूरी तरह भक्ति में डूबा रहेगा। महाराज का कहना है कि इन नियमों का पालन करने से तीर्थ यात्रा का पूरा फल मिलता है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

तीर्थ यात्रा से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त

आखिर में प्रेमानंद महाराज ने समझाया कि तीर्थ यात्रा केवल घूमने या धार्मिक रस्म भर नहीं है। यह आत्मा की शुद्धि का मार्ग है। इससे मनुष्य अपने पापों का प्रायश्चित कर पाता है। भगवान की कृपा प्राप्त होती है और अंततः मोक्ष का मार्ग भी खुलता है।
 

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