हमारे भारतीय समाज में लड़की को एक बोझ की तरह समझा जाता। उनका ख्याल पहले परिवार वाले रखते हैं, तो बाद में उनका पति...उनको जिंदगी में हर मोड़ में गाइडेंस या किसी के साथ की जरुरत होती है। लेकिन इस मानसिकता को गलत साबित कर दिखाया है पूनम गुप्त ने। उन्होनें अपनी पति को अपनी कंपनी में जॉब दी, वो भी पूरे 1.50 करोड़ की। यह उनकी जिद थी कि पति को अपनी ही कंपनी में नौकरी देनी है, जबकि एक समय में उन्होनें बिना पैसे का बिजनेस शुरु किया था। दरअसल शुरुआती तौर में पूनम ने जब अपने पति को अपनी कंपनी जॉइन करने को कहा तो उन्होनें कहा कि मैं 80 लाख की नौकरी छोड़ कर तुम्हारी कंपनी जॉइन नहीं करुंगा, क्योंकि तुम मुझे अफोर्ड नहीं कर पाओगी। लेकिन समय बदला और लगभग दोगुनी सैलरी जब पति को ऑफर हुई तो उन्हें अपनी पत्नी की कपंनी में नौकरी करनी पड़ी।
बता दें कि दिल्ली की रहने वाली पूनम गुप्ता इंदौर में आयोजित प्रवासी सम्मेलन में शामिल होने के लिए आई थी। यहां पर देश की वित्त मंत्रा निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं, जो की उनकी सक्सेस स्टोरी सुन कर बहुत इम्प्रेस हुई। ये स्टोरी उन लोगों के लिए मिसाल है जो अपना बिजनेस शुरु करना चाहते हैं। दरअसल, पूनम की शादी स्कॉटलैंड में जॉब कर रहे पुनीत गुप्ता से 2002 में हुई। शादी के बाद पूनम भी स्कॉटलैंड शिफ्ट हो गई। पूनम ने इकोनॉमिक्स ऑनर्स में डिग्री लेकर एमबीए किया था। ऐसे में उन्हें उम्मीद थी कि नौकरी आसानी से मिल जाएगी।
नौकरी नहीं मिली तो शुरु किया बिजनेस
नौकरी नहीं मिलने पर पूनम ने बिजनेस करने का तय किया और बिजनेस भी ऐसा जिसमें पैसा ना लगे। पूनम ने पाया कि यूरोप और अमरीकी देशों में कंपनियां रोज कई टन स्क्रैप पेपर फेंक देती है। इसे ठिकाने लगाने में लाखों रुपये खर्च होता है। अगर इसे रीयूज किया जाए तो इंडिया के हिसाब से इस पेपर की क्वालिटी भी काफी अच्छी है और अच्छा पैसा कमाया जा सकता है।
कई देशों की कंपनी से किया कॉन्ट्रैक्ट
पूनम ने इटली, फिनलैंड, स्वीडन और यूएस की कई कंपनियों से स्क्रैप पेपर लेने का कॉन्ट्रैक्ट किया। इससे उन्हें स्क्रैप तो मिला ही, साथ ही स्क्रैप पर खर्च होने वाला पैसा भी मिला। पहली ही डील में पूनम ने 40 लाख रुपये का काम किया। पूनम के लिए यह काम इसलिए भी आसान था कि क्योंकि वह दिल्ली के जिस इलाके की रहने वाली थीं, वहां कागजों का खूब कारोबार होता है। पूनम के पिता भी पुरानी दिल्ली के नामी व्यापारी थे, इसलिए विदेशी कागज का काम यहां चल निकला।
इसलिए दी पति को नौकरी
जब पूनम की बनाई कंपनी पीजी पेपर का काम यूरोप और अमेरिका की कई कंपनियों में चलने लगा तो उन्हें एक भरोसेमंद साथी की जरुरत हुई। यही कारण था कि मेडिकल कंपनी में काम करने वाले अपने पति को पूनम ने अपनी कंपनी में जोड़ लिया। बता दें कि आज इस कंपनी की 1000 करोड़ रुपये की नेटवर्थ है और 60 से ज्यादा देशों में करोबार फैला है। 7 देशों में इस कंपनी के ऑफिस हैं और इसमें 9 पैरेंट कंपनियां हैं।