इस साल 20 सितंबर से 6 अक्तूबर तक पितृ पक्ष यानि श्राद्ध कर्म चलेगा। मान्यता है कि इस दौरान पिंडदान, तर्पण व ब्राह्मण को भोजन करवाने से पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति मिलती है। साथ ही घर-परिवार को पितरों का आशीर्वाद मिलता है। मगर भोजन बनाने दौरान कुछ बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। नहीं तो पितरों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। चलिए जानते हैं इसके बारे में...
खाने बनाने की दिशा का रखें ध्यान
श्राद्ध का भोजन बनाते समय महिला का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इसके साथ ही दक्षिण दिशी की तरह मुंह करके खाना बनाने से बचना चाहिए। हां, आपके घर का किचन किसी भी दिशा में हो सकता है। मगर भोजन पकाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर हो।
श्राद्ध में खीर का खास महत्व
श्राद्ध में खीर बनाने का खास महत्व होता है। पंडितों के अनुसार, किसी मीठी चीज में खीर को सबसे उत्तम माना जाता है। इसके सेवन से ब्राह्माण तृप्त होते हैं। ऐसे में पितरों का आशीर्वाद मिलता है। माना जाता है कि देवी-देवताओं को भी खीर बेहद पसंद होती है। ऐसे में किसी धार्मिक व खास कार्य में खीर बनानी व भोग लगानी शुभ होती है। मगर इसके लिए इस बात का ध्यान रखें कि इसमें गाय के दूध का ही इस्तेमाल किया जाए। इसके अलावा श्राद्ध में दूध, दही, घी आदि भी भैंस नहीं बल्कि गाय का ही इस्तेमाल करें।
सेंधा नमक करें इस्तेमाल
श्राद्ध का भोजन बेहद ही शुद्ध माना जाता है। ऐसे में इसे सफेद की जगह सेंधा नमक से तैयार करना चाहिए। आयुर्वेद अनुसार भी रोजाना सेंधा नमक खाना चाहिए। असल में केमिकल फ्री व बेहद शुद्ध माना जाता है। इसलिए श्राद्ध का खाना सेंधा नमक से ही बनाएं। साथ ही इसे सबसे पहले बाह्मणों को खिलाया जाता है। इसलिए इस बनाते समय नमक चैक करना मना होता है। इसलिए सही मात्रा में ही नमक मिलाएं।
चप्पल पहने बिना बनाए भोजन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध का भोजन बनाते समय चप्पल नहीं पहननी चाहिए। हालांकि लकड़ी को शुद्ध माना जाता है। इसलिए इस दौरान लकड़ी से तैयार चप्पल पहनी जा सकती है।
लहसुन और प्याज का इस्तेमाल ना करें
लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन माना जाता है। वहीं श्राद्ध के दिन सात्विक भोजन बनाना चाहिए। इसलिए भोजन में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल करने से बचें। इस दौरान उड़द की दाल के बड़े, दूध व घी के पकवान, चावल की खीर, बेल पर लगने वाले मौसमी सब्जियां जैसी केले, लौकी, तोरी, भिंडी आदि की सब्जी बनाएं।
चांदी के बर्तन करें इस्तेमाल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चांदी बेहद ही शुद्ध व पवित्र धातु होती है। इसलिए श्राद्ध के दिन ब्राह्मणों को चांदी के बर्तन में भोजन करवाना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे पुण्य मिलता है। साथ ही सभी प्रकार के दोषों और नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा चांदी के बर्तन में पानी डालकर पितरों को चढ़ाने से उनका आशीर्वाद मिलता है। अगर आपके पास चांदी के बर्तन ना हो तो आप सामान्य बर्तनों में खाना परोस सकते हैं।