लोगों ने अब तक दुनिया के 7 अजूबों के बारे में सूना होगा, लेकिन आज हम आपको ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां कुछ ऐसी चीजें हैं जो इन्हें दूसरे गांव से अलग बनाती हैं। तो देर किस बात की, आइए जानते हैं इन गांव के बारे में और अगर मौका मिले तो यहां घूमने भी जरुर आएं...
मत्तूर विलेज, कर्नाटक
कर्नाटक के इस गांव की खासियत यह है कि यहां पर लोग संस्कृति में बात करते हैं, जबकि यहां कि आधिकारिक भाषा कन्नड़ है, लेकिन यहां के निवासी प्राचीन भाषा संस्कृत बोलने में भी सहज महसूस करते हैं। आपको बता दें कि संस्कृत भाषा सिर्फ स्कूलों में एक विषय तक ही सीमित है। इसके अलावा धार्मिक कार्यों में इसका उपयोग किया जाता है।
लोंगवा गांव, नागालैंड
नागालैंड के मोन जिले में स्थित लोंगवा गांव राज्य के सबसे बड़े गांवों में शामिल है। यह गांव अजीब इसलिए है क्योंकि यहां के प्रधान का घर जिसे राजा के नाम से भी जाना जाता है, भारत और म्यांमार के भौगोलिक सीमा पर स्थित है। ऐसे में यहां के लोगों के पास दोहरी नागरिकता है।
बड़वा कला विलेज, बिहार
ये गांव अजीब इसलिए है क्योंकि यहां पर 2017 तक कोई शादी नहीं हुई। बारात नहीं आई गांव में, जिसके चलते इस बैचलर विलेज के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल इसकी वजह है यहां का बेहद खराब रास्ता। इस गांव में पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर की ट्रेकिंग करनी होती है, जिसके चलते लोग यहां आने से कतराते हैं और कोई यहां शादी नहीं करता।
शनि शिंगणापुर गांव, महाराष्ट्र
लोग अकसर रात को सोने से पहले अपने घर के दरवाजे बंद कर लेते हैं, ताकि वो और उनके घर का सामान सुरक्षित रहे। लेकिन इस गांव में ऐसा नहीं है। यहां पर लोग शनि देव को मानते हैं और इसलिए उन्होनें अपने घर पर दरवाजे लगवाए हैं ही नहीं। उनका मानना है कि यहां पर कोई किसी को नुकसान पहुंचाता है तो उसपर शानिदेव का प्रकोप होता है।