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सिर्फ मोटे नहीं, पतले लोगों को भी हो सकती है टाइप 2- Diabetes, ऐसे करे कंट्रोल

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 17 Feb, 2019 09:31 AM
सिर्फ मोटे नहीं, पतले लोगों को भी हो सकती है टाइप 2- Diabetes, ऐसे करे कंट्रोल

डायबिटीज पेशेंट की संख्या दुनियाभर में तेजी से बढ़ती जा रही है, जिसमें ज्यादातर संख्या टाइप2 डायबिटिक मरीजों की है। टाइप2 डायबिटीज में बॉडी में ब्लड शुगर बढ़ जाती है, जिससे जान का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में डायबिटीज को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है।

 

टाइप2 डायबिटीज का कारण

टाइप2 डायबिटीज किसी को भी हो सकता है, लेकिन इसे बच्‍चों में अधिक देखा जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण बिगड़ता लाइफस्टाइल और गलत खान-पान है। इस डायबिटीज में सबसे जरूरी है ब्लड शुगर को कंट्रोल करना। इसमें अधिक प्यास लगना, बार-बार मूत्र आना और लगातार भूख लगना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

 

किन लोगों को होता है टाइप2 डायबिटीज?

आजकल व्यायाम के अभाव और फास्ट फूड के अधिक सेवन के कारण बच्चों से लेकर टाइप 2 डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। 15 साल के नीचे के लोग, खासकर 12 या 13 साल के बच्चों में यह ज्यादा दिखाई दे रही है। वहीं, पुरुषों के मुकाबले यह महिलाओं में अधिक हो रही है। कुछ लोगों को लगता है कि मोटे व्यक्ति को डायबिटीज का खतरा सबसे ज्यादा होता है। जबकि ऐसा नहीं है। पतले लोगों को भी इसका उतना ही खतरा होता है। हालांकि मोटे लोगों में इसकी संभवाना ज्यादा होता है। इतना ही नहीं, यह बीमारी आनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है।

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कैसे करें कंट्रोल
वजन  करें कंट्रोल

टाइप 2 डायबीटीज की बड़ी वजह इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता कम होना है, जिसका एक कारण मोटापा है। अगर शुगर के मरीज अपना 5 से 10 प्रतिशत वजन कम कर लें तो उनका ब्‍लड शुगर का लेवल बिना दवा के ही कम हो जाता है।

 

रात का भोजन सबसे अहम

रात का भोजन सबसे जरूरी होता है। ऐसे में भोजन ना तो इतना हैवी हो कि शरीर में अधिक ग्‍लूकोज रिलीज हो और ना ही इतना कम कि शरीर को ऊर्जा के लिए शरीर में स्‍टोर फैट को शुगर के रूप में रिलीज करना पड़े। डिनर में हाई फाइबर, लो कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन लेशामिल करें। साथ ही सोने से कुछ देर पहले बिना क्रीम वाला एक कप दूध पीएं। 

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डिनर के बाद वॉक

यदि खाने के बाद हर दिन 30 मिनट पैदल चलना शुरू किया जाए तो टाइप-2 डायबिटिज के खतरे को कम किया जा सकता है। डिनर के बाद घूमने से अगले दिन सुबह ब्‍लड शुगर का लेवल पहले की तुलना में कम होता है।

 

पर्याप्‍त पानी पिएं

सेहतमंद रहने ही नहीं बल्कि डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए भी दिनभर में पर्याप्त पानी पीना बहुत जरूरी है। इससे शरीर में एक्‍स्‍ट्रा ग्‍लूकोज यूरिन के साथ बाहर निकल जाएगा और अलगी सुबह ब्‍लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहेगा। 

 

एरोबिक एक्‍सरसाइज

शुगर लेवल को नियमित रखने के लिए हफ्ते में कम से कम पांच दिन 30 मिनटों तक एरोबिक एक्‍सरसाइज करनी चाहिए। शुरू में अधिक समय न निकाल सकें तो हर दिन 5 से 10 मिनट से शुरुआत कर सकते हैं। धीरे-धीरे समय को बढ़ाया जा सकता है।

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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से शरीर इंसुलिन के प्रति ज्‍यादा संवेदनशील बनता है। टाइप 2 डायबिटीज की एक वजह शरीर में इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता न होना भी है। डॉक्‍टर भी सलाह देते हैं कि हफ्ते में कम से कम 2 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करनी चाहिए। इसमें वजन उठाना या रेसिस्‍टेंस बैंड का इस्‍तेमाल करना आदि शामिल है।

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