नारी डेस्क: देश में एक बार फिर कोरोना वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इस बार इसके दो नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 सामने आए हैं, जिनके कुछ मामले हाल ही में भारत में दर्ज किए गए हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ये दोनों वेरिएंट ओमिक्रॉन की एक नई शाखा से निकले हैं और इनमें कुछ ऐसे म्यूटेशन पाए गए हैं, जो इन्हें ज्यादा तेजी से फैलने में सक्षम बनाते हैं।
कहां-कहां मिले हैं ये नए वेरिएंट?
INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) के डेटा के मुताबिक, अब तक भारत में इन वेरिएंट्स के कुल 5 मामले सामने आए हैं- तमिलनाडु में अप्रैल 2025 में NB.1.8.1 का एक केस। गुजरात में मई 2025 में LF.7 के 4 केस। दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे सावधानी बरतने की ज़रूरत है।
NB.1.8.1 और LF.7 क्या हैं?
ये दोनों वेरिएंट JN.1 नामक ओमिक्रॉन के उप-वेरिएंट से निकले हैं। इन्हें वायरस के BA.2.86 स्ट्रेन से विकसित माना जा रहा है। इनमें ऐसे म्यूटेशन पाए गए हैं जो वायरस को ज्यादा तेजी से फैलने में मदद करते हैं। शरीर की इम्यूनिटी से बच निकलने की क्षमता बढ़ाते हैं। NB.1.8.1 को अमेरिका, जापान, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और हांगकांग जैसे देशों में भी पाया गया है। खासतौर पर इंटरनेशनल ट्रैवल के ज़रिए यह वेरिएंट फैला है।

क्या हैं इन वेरिएंट्स के लक्षण?
NB.1.8.1 और LF.7 के लक्षण लगभग ओमिक्रॉन वेरिएंट्स जैसे ही हैं- बुखार, गले में खराश, नाक बहना। सूखी खांसी, सिरदर्द, थकान और मांसपेशियों में दर्द। कभी-कभी दस्त, मतली, उल्टी और भूख कम लगना। JN.1 और उसके सब-वेरिएंट्स में दस्त का खतरा अधिक देखा गया है। जिन लोगों ने वैक्सीन ली है, उनमें लक्षण हल्के होते हैं और 4-5 दिनों में ठीक हो जाते हैं।
कितना खतरनाक है ये?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार
अभी इन वेरिएंट्स को "Variant of Concern" (VOC) या "Variant of Interest" (VOI) नहीं, बल्कि "Variants Under Monitoring" (VUM) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका मतलब है कि इन पर नजर रखी जा रही है, लेकिन फिलहाल इन्हें गंभीर खतरा नहीं माना गया है। बुजुर्गों, पहले से बीमार लोगों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
क्या करें लक्षण दिखने पर?
अगर ऊपर बताए गए लक्षण दिखें तो RT-PCR या रैपिड एंटीजन टेस्ट जरूर करवाएं।रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर घर पर आइसोलेट रहें। डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लें। पर्याप्त आराम करें और भरपूर पानी पिएं। वैक्सीनेशन पूरा करवा लें और बूस्टर डोज़ जरूर लें।
हालांकि अभी इन वेरिएंट्स से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है। साफ-सफाई का ध्यान रखें, मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें। वक्त पर टेस्ट और सही इलाज से इनसे बचा जा सकता है।