भारत में हर घर के खाने में सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। सरसों का तेल वैसे तो कई मायनों में लाभकारी हैं। लेकिन इसी बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली और सेंट जॉन अस्पताल, बेंगलुरू के साथ हार्वर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा किए गए एक सर्वें से पता चला है कि सरसों के तेल को प्राथमिक तौर पर खाना पकाने और डीप-फ्राइंग तेल के रूप में सेवन करने से कोरोनरी हृदय रोग से जुड़े जोखिम को 70 प्रतिशत से भी ज्यादा हद तक कम हो सकते हैं।
इसलिए कई प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ स्पष्ट रूप से स्वस्थ हृदय और संवहनी प्रणाली के लिए कोल्ड-प्रेस्ड (कच्ची घानी) सरसों के तेल की सलाह देते हैं। पोषण विशेषज्ञ और आहार विशेषज्ञ भी इस बात को लेकर एकमत हैं कि सरसों का तेल स्वास्थ्यप्रद खाना पकाने के तेलों में से एक है।
आईए जानते हैं mustard oil हमारे लिए कैसे लाभकारी हैं-
-सरसो के तेल से हमारे शरीर की पाचन क्रिया ठीक रहती है और भूख बढ़ाती है।
-सरसो के तेल में थियामाइन, फोलेट व नियासिन काफी मात्रा में होने की वजह से यह वजन घटाने में भी मददगार है।
-सरसो के तेल से मालिश करने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी घटती है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
-सरसों का तेल कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखता है।
-यह त्वचा के ड्रायनेस को खत्म करता है।
-सरसों का तेल फंगल इंफेक्शन से भी बचाता है।
-सरसों का तेल दांत दर्द और पायरिया में भी फायदेमंद है।
-सरसों का तेल हमें कैंसर से भी बचाता है क्योंकि सरसों के तेल में ग्लूकोसिनोलेट नामक तत्व होता है।
- कोल्ड-प्रेस्ड सरसों के तेल में विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होता है।
-कोल्ड प्रेस्ड सरसों के तेल में समकालीन आहार और ओमेगा-6 और ओमेगा-3 अनुपात में एक बड़ा असंतुलन पैदा कर दिया है और सरसों का तेल इसे ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क्या है सरसों के तेल की खासियत?
-सरसों के तेल जैसे पौधे आधारित (प्लांट बेस्ड) तेलों में फाइटोस्टेरॉल होते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को शरीर में बढ़ने से रोकते हैं।
-सरसों के तेल में विशेष रूप से शून्य ट्रांस फैटी एसिड (टीएफए) होता है ।
-सरसों के तेल की खासियत यह है कि उच्च तापमान पर भी इसमें सभी पोषक तत्व स्थिर और बरकरार रहते हैं।