अब तो किलों का जमाना नहीं रहा, पर एक समय इनका निर्माण सुरक्षा के लिए किया जाता था। रियासतों में राजा-महाराजा आवश्कतानुसार किलों का निर्माण करते थे। मुंबई में भी तत्कालीन शासकों ने सुरक्षा के लिए कई किलों का निर्माण करवाया था। मुंबई में कुल 11 किलों का निर्माण किया गया। इनमें से कुछ का नामोनिशान मिट गया लेकिन कुछ किले आज भी मौजूद है। आज हम आपको मुंबई के कुछ ऐसे ही ऐतिहासिक किलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आप भी अपनी ट्रैवल लिस्ट में शामिल कर सकते हैं।
1. बाम्बे फोर्ट
मुंबई के किलों में एक बेहद महत्वपूर्ण किला था बॉम्बे फोर्ट। आज जिस इलाके को फोर्ट के नाम से जाना जाता है वह एक जमाने में सचमुच का किला था। ऊंची दीवारों से घिरा हुआ एक नियोजित शहर, जिसे बॉम्बे कैसल के नाम से जाना जाता था। इस किले का निर्माण पुर्गालियों ने शुरू किया था। अंग्रजों के कब्जा करने के बाद इसे गवर्नमैंट हाउस बना दिया गया।
2. केलवा किला
मुंबई में आप केलवा किला भी देख सकते हैं। इस किले का निर्माण 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों द्वारा किया गया था। इस किले को शिवाजी कक्षा संबंधी कार्यों के लिए इस्तेमाल किया करते थे। इतिहास, कला और वास्तुकला के मामले में यह किला बेहद खूबसूरत है।
3. पालघर का सफर
अगर आप ऊंची-ऊंची समुद्री लहरों को उठते हुए देखना चाहते हैं तो पालघर में जा सकते हैं। ठाणे जिले में स्थित पालघर एक बेहद खूबसूरत हॉलीडे डेस्टिनेशन है। यहां ऐतिहासिक और धार्मिक किलों की भरमार है।
4. सिंधुदुर्ग किला
मुंबई से 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस किले को समुद्र के बीचो-बीच बनाया गया है। इस किले का निर्माण शिवाजी ने करवाया था। अपनी खूबसूरती और वास्तुकला के कारण यह टूरिस्ट को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
5. वसई के किले
मुंबई के वसई गांव के पास स्थित है ऐतिहासिक वसई किला। उल्लास नदी के किनारे बने इस किले से आप पश्चिमी समुद्र तट साफ देख सकते हैं। बंदगाह के रूप में भी इस्तेमाल होने वाले इस किले को राजाओं ने समुद्री रास्ते पर नजर रखने के लिए ही बनाया था।
6. सायन मुंबई किला
वैसे तो मुंबई के सबी किले बंदरगाह के पास बने है लेकिन इस किले को शहर के अंदर बनाया गया था लेकिन यह अब पूरी तरह खंडहर में बदल चुका है।
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