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इलेक्ट्रीशियन के बेटे ने किया कमाल, 3 लाख के लोन से शुरू की कंपनी, अब 8 करोड़ का टर्नओवर

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 03 Aug, 2025 12:18 PM
इलेक्ट्रीशियन के बेटे ने किया कमाल, 3 लाख के लोन से शुरू की कंपनी, अब 8 करोड़ का टर्नओवर

नारी डेस्क:   मुर्तजा अमीन की कहानी बताती है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी सपना हकीकत में बदला जा सकता है। मध्य प्रदेश के छोटे से शहर बुरहानपुर में जन्मे मुर्तजा ने बहुत ही साधारण परिवार में अपना बचपन बिताया। उनके पिता एक इलेक्ट्रीशियन थे। लेकिन आज मुर्तजा एक सफल उद्यमी हैं और उनकी कंपनी BizProspex करोड़ों का टर्नओवर कर रही है।

कैसे मिला डेटा की ताकत का एहसास?

19 साल की उम्र में मुर्तजा ने इंजीनियरिंग छोड़ दी और मुंबई चले गए। वहां उन्होंने एक स्टार्टअप PriceBaba में इंटर्नशिप की, जहां उन्हें पहली बार डेटा का महत्व समझ में आया। डेटा जुटाना, उसका विश्लेषण करना और उसे व्यवसाय में इस्तेमाल करना  यही सब उन्होंने वहीं सीखा।

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  3 लाख रुपये के लोन से शुरू किया सफर

इंटर्नशिप के बाद मुर्तजा ने ठान लिया कि वे खुद की डेटा कंपनी शुरू करेंगे। एक अमेरिकी क्लाइंट से मिला 3 लाख रुपये का लोन उनके लिए टर्निंग पॉइंट बना। इसी पैसे से उन्होंने 2013 में BizProspex नाम की कंपनी की शुरुआत की।

  मुंबई छोड़कर बुरहानपुर लौटे

मुर्तजा ने मुंबई में किराए के कमरे से काम शुरू किया, लेकिन उनका सपना था कि वे अपने शहर बुरहानपुर में रहकर कुछ बड़ा करें। लोन और अपनी बचत के साथ वे वापस बुरहानपुर लौटे और वहीं से कंपनी को आगे बढ़ाना शुरू किया। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सफलता पाने के लिए बड़े शहर में होना जरूरी नहीं है।

 8 करोड़ का टर्नओवर, 100+ कर्मचारी

2017 में कंपनी का टर्नओवर 1 करोड़ रुपये हुआ। 2020 (कोविड के दौरान) में टर्नओवर बढ़कर 5 करोड़ हुआ। 2024-25 में कंपनी ने 8 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल किया। आज कंपनी में 100 से ज्यादा कर्मचारी हैं और क्लाइंट्स दुनियाभर से हैं खासकर अमेरिका, यूरोप, जापान और मिडिल ईस्ट।

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महिलाओं को दिया विशेष मौका

बुरहानपुर जैसे छोटे शहर में टैलेंटेड लोगों की कमी थी, खासकर प्रोफेशनल स्किल्स वाले लोग। इसलिए मुर्तजा ने खुद लोगों को ट्रेन किया और खासतौर पर महिलाओं को काम में शामिल किया। महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम और फ्लेक्सिबल टाइमिंग दी जाती है। उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण दिया गया। इस वजह से कंपनी में स्टाफ टर्नओवर रेट लगभग शून्य है।

बिना फंडिंग, अपने दम पर बनाई पहचान

मुर्तजा ने बाहरी निवेश (फंडिंग) नहीं लिया, बल्कि अपनी कमाई से ही बिजनेस को बढ़ाया। उन्होंने दिखाया कि जुनून, कड़ी मेहनत और सही सोच से आप किसी भी परिस्थिति में सफलता पा सकते हैं।

मुर्तजा अमीन की कहानी भारत के हर छोटे शहर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। यह कहानी सिखाती है कि शुरुआत कितनी भी छोटी क्यों न हो, अगर इरादे बड़े और मेहनत सच्ची हो, तो कामयाबी जरूर मिलती है।  

 

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