बिजी शैड्यूल से थोड़ी राहत पाने के लिए लोग घूमने फिरने के लिए जाते हैं। परंतु घूमने के लिए कौन सी जगह अच्छी है कहां पर जाकर पैसा वसूल होगा इस बात को लेकर हर किसी के मन में दुविधा रहती है। अगर आप भी अक्टूबर में घूमने के लिए कोई खास जगह तराश रहे हैं तो मायानगरी मुबंई की इस बार सार कर सकते हैं। आज वर्ल्ड टूरिजम डे मनाया जा रहा है। इस मौके पर आपको आज मायानगरी मुंबई की कुछ खास जगहों के बारे में बताते हैं तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
कैथेड्रल चर्च
बांद्रा के माउंट मैरी कैथेड्रल में आप इस वेकेशन्स पर जा सकते हैं। मुबंई की सबसे खूबसूरत चर्चों में इसकी गिनती की जाती है। इस चर्च के बाहरी हिस्सों को बहुत ही आकर्षक रुप से डिजाइन किया गया है। भारी मात्रा में पर्यटक इस चर्च की खूबसूरती देखने आते हैं।
मौद्रिक संग्रहालय
आप आरबीआई के पास में स्थित संग्रहालय देख सकते हैं। यह संग्रहालय विजिटर्स के लिए एक बहुत ही अच्छे आकर्षण का केंद्र बनता है। आपको इस संग्रहालय में देश के सिक्के और मुद्रा के विकास से जुड़ी कई कहानियां देखने को मिलेंगी।
निप्पों जान म्योहोजी बौद्ध मंदिर
मुंबई के वर्ली में स्थित जापानी बौद्ध मंदिर में भी आप दर्शन के लिए जा सकते हैं। इस मंदिर में निचेरिन बौद्ध धर्म को फॉलो किया जाता है। यहां पर बनी छोटी सी जगह में मोंक बैठ कर प्रार्थना करते हैं। उनकी इस प्रार्थना का शांति के मंत्र के रुप में जाना जाता है। इस मंदिर की पॉजिटिव वाइब्स और शानदार वातावरण हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है।
ब्लू मस्जिद
मुंबई की ब्लू मस्जिद भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनती हैं। मोहम्मद अली रोड पर स्थित ये मस्जिद चमचमाती नीली फारसी टाइलों का प्रयोग करके बनाई गई है। मस्जिद में एक बहुत ही सुंदर तालाब भी है। मस्जिद के अंदर बनी दीवारों के लिए गोमेद और ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा इन दीवारों पर पवित्र कुरान की आयतें भी खुदी हुई हैं।
रॉयल ओपेरा हाउस
मुबंई के चरनी रोड पर स्थित रॉयल ओपेरा हाउस भी दर्शकों को बहुत ही पसंद आता है। यह मुंबई शहर की सामाजिक, कलात्मक और सांस्कृतिक गतिशीलता को प्रदर्शित करता है। इस ओपेरा हाउस को 1911 में जॉर्ज पंचम ने बनाया था। इस ओपेरा हाउस की यह खासियत है कि यह भारत का एकमात्र लाइव ओपेरा हाउस है।
कुआं कुंग मंदिर
मझगांव में स्थित ये एक चीनी मंदिर है। इसे 1919 में बनाया गया था। यह मंदिर 1950 और 1960 में मुंबई के चीनी समुदाय के अस्तित्व का प्रतीक है। सुनहरी रंग की नक्काशी से बना यह मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।